बागेश्वर: जनपद में एक बार फिर सरकारी स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। सरकार की ओर से आदर्श विद्यालयों में पर्याप्त स्टाफ व अन्य सुविधाएं देने के बाद भी किसी परीक्षार्थी ने मैरिट में स्थान प्राप्त नहीं किया, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
प्रदेश सरकार ने स्कूलों में बेहतरीन पढ़ाई व अनुशासन तथा अन्य व्यवस्थाओं को चाक चौबंद करने का सपना संजोकर अटल आदर्श विद्यालयों की स्थापना की, जिसमें जनपद में पांच आदर्श विद्यालय खोले। इस बार सीबीएसई पेटर्न में पांच आदर्श विद्यालयों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की पढ़ाई की तथा यहां पर अध्यापकों की नियुक्ति भी आवश्यकतानुसार की।
साल भर यहां के अध्यापक विद्यालयों में बेहतरीन पढ़ाई के साथ ही अध्यापकों व बच्चों में अनुशासन का दंभ भरकर अपने स्कूल को बेहतर बताते हुए स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने का प्रयास करते हुए खुद को सम्मानित कराते रहे।
इन विद्यालयों में पढ़ाई व अनुशासन की पोल शुक्रवार को सीबीएसई का परीक्षा परिणाम आने के बाद खुल गई। जनपद में किसी भी अटल आदर्श विद्यालयों के कोई छात्र मेरिट में नहीं आया तथा निजी स्कूलों की अपेक्षा बेहतरीन परिणाम तक नहीं ला पाए जो कि परिणाम घोषित होने के बाद चर्चा का विषय बना रहा।