अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, स्वास्थ्य मंत्री ने दिए जांच के आदेश
पढ़े पूरी खबर
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम, अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को व्यापक स्तर पर जांच अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। 50 या इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की परिधि से बाहर रखने के लिए कैबिनेट में शीघ्र संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा।
शनिवार को कैंप कार्यालय में स्वास्थ्य मंत्री ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (नमो) के पदाधिकारियों और विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में अवैध रूप से संचालित निजी अस्पतालों, क्लीनिकों, नर्सिंग होम एवं अल्ट्रासाउंड सेंटरों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं।
प्रदेश में पुलिस प्रशासन के सहयोग से अवैध निजी अस्पतालों, क्लीनिकों एवं जांच केंद्रों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जिससे निजी अस्पतालों की मनमानी व मरीजों के शोषण पर रोक लगाई जा सकेगी। राज्य में निजी अस्पतालों व निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित एंबुलेंस की मनमानी को रोकने के लिए पुलिस एवं परिवहन विभाग के माध्यम से जांच की जाएगी।
कैबिनेट में जल्द लाया जाएगा संशोधन प्रस्ताव
राज्य में 50 व इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट की परिधि से बाहर रखने के लिए कैबिनेट में शीघ्र संशोधन प्रस्ताव लाया जाएगा। एक्ट में उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश व हरियाणा की तर्ज पर संशोधन किया जाएगा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) व नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन (नमो) की ओर से क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट में शिथिलता, 50 व इससे कम बेड क्षमता वाले अस्पतालों को एक्ट की परिधि से बाहर रखने, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तहत ईटीपी एवं एसटीपी व्यवस्था में छूट, अस्थाई पंजीकरण के नवीनीकरण के शुल्क में छूट एवं अग्निशमन अधिनियम लागू करने की मांग की गई है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इन मांगों का एक्ट के तहत शीघ्र समाधान कर दिया जाएगा। बैठक में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. शैलजा भट्ट ने बताया कि आईएमए व नमो के पदाधिकारियों की मांग पर क्लीनिकल एक्ट को लेकर पूर्व में गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जिसका अवलोकन किया जा रहा है।
बैठक में राज्य बाल आयोग की अध्यक्षा एवं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. गीता खन्ना, अपर निदेशक डॉ. आरपी खंडूड़ी, संयुक्त निदेशक डॉ. एसएन झा, सीएमओ देहरादून डॉ. मनोज उप्रेती सहित आईएमए देहरादून के अध्यक्ष डॉ. आलोक सेमवाल, नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन से डॉ. गोपाल जी शर्मा, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. संजय उप्रेती, डॉ. अमित उप्रेती, डॉ. देवाशीष चौहान आदि मौजूद थे।