आरोपी हाकम सिंह ने पेपरलीक मामले में हाईकोर्ट पहुंच पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवाल
नैनीताल न्यूज़: यूकेएसएसएससी परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोपी उत्तरकाशी के जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह रावत अपनी रिहाई के लिए तिकड़म लगा रहा है। हाकम सिंह रावत ने हाईकोर्ट में अपने रिमांड आदेश को चुनौती दी है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए सरकार से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तिथि नियत की है। हाकम सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि उसे रिमांड पर गलत तरीके से लिया गया है। रिमांड पर लेते समय आईपीसी की धारा 41 A का अनुपालन नहीं किया गया, उन्हें किस अपराध के लिए रिमांड पर लिया गया। शुरुआत में पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 420 में मुकदमा दर्ज किया और बाद में उसमें आईपीसी की धारा 467, 468 ,471 व 34 और बढ़ा दी। पुलिस ने इसकी जानकारी उन्हें दी न ही इसकी कोई प्रति, उनको रिमांड पर लेने से पहले इसकी प्रति दी जानी चाहिए थी। बिना कारण बताए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। जबकि विवेचक का कहना है कि उन्हें न्यायिक अभिरक्षा से पहले इसकी जानकारी दी गयी थी।
बताते चलें कि कभी उत्तरकाशी एक प्रशासनिक अधिकारी के घर कुक का काम करता था। उसके बाद वह हरिद्वार में उसी अधिकारी का ड्राइवर बना। हाकम सिंह ने साल 2019 के पंचायत चुनाव लड़ा और जिला पंचायत सदस्य बन गया। इसके बाद उसने राजनीतिक रसूख और अधिकारियों से मिलीभगत करके काली कमाई के कई गढ़ बना लिए। इसके लिए हाकम सिंह ने युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने में भी देर नहीं लगाई। यूकेएसएसएससी पेपरलीक मामला उजागर होने बाद हाकम सिंह रावत के काले कारनामों की पोल खुल गई।