चंडीगढ़ से आई पांच सदस्यीय टीम ने गोविषाण टीले का किया सर्वे

Update: 2023-02-08 11:12 GMT

काशीपुर: पुरातत्व विभाग के संरक्षित क्षेत्र की वास्तविक स्थिति को जानने के लिए राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण की ओर से नियुक्त चंडीगढ़ के गवर्नमेंट आर्किटेक्चर कॉलेज से आई पांच सदस्यीय टीम ने गोविषाण का सर्वे किया। इसकी रिपोर्ट वह पुरातत्व विभाग को सौंपगे। मंगलवार को पुरातत्व विभाग के सहायक संरक्षित अधिकारी आशीष सेमवाल के साथ गोविषाण क्षेत्र का सर्वे चंडीगढ़ के गवर्नमेंट आर्किटेक्चर कॉलेज की टीम ने किया। इस दौरान टीम ने संरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण की स्थिति देखी और संरक्षित क्षेत्र की समीक्षा की।

टीम गोविषाण टीले में अतिक्रमण की स्थिति की रिपोर्ट विभाग को देगी। जिसके बाद संरक्षित सीमा को बढ़ाने या घटाने पर विचार किया जाएगा। गवर्नमेंट आर्किटेक्चर कॉलेज चंडीगढ़ के प्रोफेसर जनवादे प्रफुल्ल ने बताया कि विभाग द्वारा कई धरोहरों के संरक्षित क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा रहा है। इसी के तहत उनकी टीम को पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित गोविषाण व जागेश्वर क्षेत्र का सर्वे करने की जिम्मेदारी दी गई है।

आज उनकी टीम द्वारा यहां आकर इस जगह का सर्वे किया गया। जिसमे कुछ जगह पर अतिक्रमण होता भी दिखा है। वहीं यहां के स्थानीय विभाग के आंकड़ों का मिलान भी मौके पर जाकर किया गया है। उन्होंने बताया कि भविष्य के लिए इन धरोहरों को संवारने व संरक्षित करने की जरूरत है।

जिससे आने वाली युवा पीढ़ी को हमारे इतिहास व धरोहरों की जानकारी मिल सके और क्षेत्र की पहचान बनी रहे। उन्होंने बताया कि इसके बाद वह जागेश्वर में सर्वे का कार्य करेंगे। टीम में विपेंद्र सिंह, डॉ. सौम्या शर्मा, डॉ. गरिमा पाटले, विजय कुमार शामिल है।

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