अल्मोड़ा जेल में बंद कैदी महिपाल सिंह और अंकित बिष्ट के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया

स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बार फिर अल्मोड़ा जेल (Almora Jail) में कुख्यातों के नेटवर्क का पकड़ा है. इस बार हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा महिपाल अपने साथी अंकित बिष्ट के साथ मिलकर प्रदेश में नशे का कारोबार चला रहा था.

Update: 2021-11-24 10:50 GMT

जनता से रिश्ता। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बार फिर अल्मोड़ा जेल (Almora Jail) में कुख्यातों के नेटवर्क का पकड़ा है. इस बार हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट रहा महिपाल अपने साथी अंकित बिष्ट के साथ मिलकर प्रदेश में नशे का कारोबार चला रहा था. छापेमारी के दौरान जेल से मोबाइल फोन सिम और नगदी भी बरामद हुई है. मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं, जेल में कैदियों तक मोबाइल, नगदी और अन्य प्रतिबंधित सामान किसने पहुंचाया? पुलिस इसकी पड़ताल में जुट गई है. मामले में कई और संदिग्ध लोग पुलिस के रडार पर हैं.

जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में अलग-अलग हिस्सों से 5 तस्करों को भी पकड़ा गया है. इनके कब्जे से भारी मात्रा में चरस, गांजा और शराब आदि बरामद किए गए हैं. एसपी एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि अल्मोड़ा जेल के अंदर महिपाल सिंह और अंकित मादक पर्दाथों की तस्करी कर रहे हैं. इस सूचना पर एसटीएफ की ओर से जांच की गई और पाया कि पौड़ी, कोटद्वार, पटेलनगर देहरादून और हल्द्वानी क्षेत्र में इस तरह तस्करी की जा रही थी. जब एसटीएफ की टीम ने एक साथ दबिश दी तो जेल के अंदर से महिपाल और अंकित के पास से एक मोबाइल, एक सिम और तीन ईयरफोन सहित 24 हजार रुपए नकद बरामद हुए.
एसपी एसटीएफ चंद्र मोहन सिंह के मुताबिक, दोनों आरोपी जेल से ही अपने बाहर के साथियों के साथ मोबाइल से संपर्क रखकर मादक पर्दाथों का नेटवर्क चला रहे थे. एसटीएफ ने पांच टीमें बनाकर कार्रवाई की थी और बाहर के लोगों को जब गिरफ्तार किया तो उनसे गांजा और शराब की पेटियां बरामद हुईं. गिरफ्तार हुए आरोपियों के अलावा अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है. जो आरोपी शामिल होंगे, उनकी भी गिफ्तारी की जाएगी.
उन्होंने बताया कि जेल में बंद महिपाल हत्या के प्रयास में सजा काट रहा है. जबकि, अंकित एनडीपीएस एक्ट के तहत जेल में सजा भुगत रहा है. पूरे मामले की जांच की जा रही है कि इन्हें जो रुपए मिलते थे, वो कैसे मिलते थे और किस खाते में जमा करते थे? जांच के दौरान पता चला कि गिरफ्तार हुए मनीष बिष्ट और दीपक तिवारी बिचौलिए का काम करते थे. उनके इस गैंग में उत्तर प्रदेश की लोगों की जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है.


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