कुमाऊं पुलिस की पकड़ से संगीन अपराध के 296 अपराधी बाहर

Update: 2022-12-03 14:07 GMT

नैनीताल: किसी ने हत्या की, किसी ने हत्या की कोशिश, कोई दुष्कर्मी है तो कोई डकैत। ऐसे बेहद संगीन मामलों के 296 अपराधी हैं, पुलिस को पता नहीं। कुमाऊं के विभिन्न थानों से वांछित ये अपराधी कुमाऊं में हैं भी या नहीं, पुलिस को नहीं पता। कुमाऊं का ऊधमसिंहनगर जिला इस मामले में सबसे आगे है, जहां 127 अपराधी पुलिस की आंख में धूल झोंककर अर्से से फरार हैं। पुलिस फाइमलों में दर्ज इन अपराधियों में तमाम पर गैंगेस्टर लगी है और जो लंबे समय से नहीं पकड़े जा सके, उन पर इनाम भी घोषित है। कुमाऊं के सबसे साक्षर कहे जाने वाले अल्मोड़ा जिले से भी छह अपराधी लापता है। इसी तरह बागेश्वर से पांच, चम्पावत से तीन और पिथौरागढ़ पुलिस को 50 अपराधियों की तलाश है।

हालांकि सबसे बड़ी चुनौती ऊधमसिंहनगर और नैनीताल पुलिस के सामने है। जहां ऊधमसिंहनगर पुलिस को 127 अपराधियों की तलाश है, वहीं नैनीताल पुलिस को भी 105 अपराधी लंबे समय से चकमा देने में कामयाब हो रहे हैं। कुमाऊं में कुल फरार 296 अपराधियों में से 127 पर गैंगेस्टर लगाया गया है। अब डीआईजी इन वांछित अपराधियों को लेकर सख्त नजर आ रहे हैं और उन्होंने अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं।

कुमाऊं के विभिन्न थानाक्षेत्रों से 296 अपराधी लापता है और इनकी तलाश कर गिरफ्तारी के निर्देश दे दिए हैं। हर सप्ताह क्षेत्राधिकारियों और थानेदारों से इस बाबत रिपोर्ट ली जाएगी। इसे हम अभियान के तौर पर ले रहे हैं और जल्द ही सभी फरार वांछितों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया जाएगा।

नीलेश आनंद भरणे, डीआईजी, कुमाऊं

296 अपराधियों में 77 है इनामिया बदमाश: कुमाऊं पुलिस को जिन 296 अपराधियों की तलाश है, उसमें से 77 पर इनाम घोषित है और इन्हें भी पुलिस लंबे समय से पकड़ने में नाकाम साबित रही है। बता दें कि फरार इनामिया बदमाशों के मामले में भी ऊधमसिंहनगर सबसे आगे है और नैनीताल जिला सिर्फ एक पायदान पीछे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले में जहां 27 फरार हैं, वहीं नैनीताल में 26 हैं। जबकि अल्मोड़ा में छह, बागेश्वर में पांच, चम्पावत में एक और पिथौरागढ़ पुलिस को 12 इनामी बदमाशों की तलाश है।

डीआईजी ने दिया क्षेत्राधिकारियों को टारगेट: वांछितों की गिरफ्तारी पर सख्त नजर आ रहे डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने अब कुमाऊं के सभी क्षेत्राधिकारियों और थानेदारों को गिरफ्तारी का टारगेट दे दिया है। जिसके तहत क्षेत्राधिकारी अपने सर्किल से फरार तीन अपराधियों को सृचीबद्ध करेंगे और उन्हें गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी संबंधित थानाध्यक्ष की होगी। पहाड़ के जिलों में पिथौरागढ़ को छोड़ दें तो अन्य जिलों की पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होगी और इसकी वजह है उनके जिले में फरारों की कम संख्या।

हर सप्ताह हिसाब लेंगे डीआईजी भरणे: डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने क्षेत्राधिकारियों को उनके सर्किल से फरार वांछितों की सूची सौंप दी है। साथ ही स्पष्ट कर दिया है कि वांछितों की गिरफ्तारी को अभियान के तौर लिया जाए। इस मामले में की जाने वाली दैनिक कार्रवाई डीआईजी कैंप कार्यालय को देनी होगी। इसके अलावा सप्ताह के पांचवें दिन डीआईजी खुद सभी क्षेत्राधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट मांगेंगे। डीआईजी सबसे ज्यादा फोकस नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और पिथौरागढ़ जिले पर हैं। उन्होंने स्थिलता बरतने पर कार्रवाई की बात भी कही है। 

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