उत्तराखंड न्यूज़ : राजनीतिक गतिविधियों के कारण उत्‍तराखंड में बढ़ रहे कोरोना के मामले, चिंता की बात

Update: 2022-01-05 06:29 GMT

प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच राजनीतिक गतिविधियों पर सवाल उठने लगे हैं। जिस तरह से प्रदेश में रैलियों में भीड़ उमड़ रही है और कोरोना से बचाव के मानकों की धज्जियां उड़ रही हैं, उससे संक्रमण की गति तेज होने की आशंका जताई जा रही है। देहरादून में सोमवार को सभा करने के बाद मंगलवार सुबह आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कोरोना संक्रमित पाए गए। सभा के दौरान उन्होंने मास्क नहीं लगाया हुआ था। उन्होंने कई व्यक्तियों से मुलाकात भी की। इस घटना के बाद से आमजन में राजनीतिक सभाओं व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन को लेकर नई बहस शुरू हो गई है।

उत्तराखंड में जल्द विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सभी राजनीतिक दल पूरे जोर-शोर से तैयारियों में जुटे हैं। विभिन्न स्थानों पर राजनीति सभाओं और सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है, जिनमें बड़ी संख्या में जनता उमड़ रही है। इनमें दूसरे राज्यों से भी पार्टियों के नेता आ रहे हैं। फिलहाल राज्य के बाहर से आने पर आरटीपीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता नहीं है, इस कारण किसी को आने जाने से नहीं रोका जा सकता। सावधानी के लिए हवाई अड्डों पर वीआइपी व्यक्तियों की रैपिड जांच को स्वास्थ्य विभाग की जो टीमें खड़ी हैं, उन्हें नेताओं के समर्थक रैपिड टेस्ट नहीं करने दे रहे हैं। यही नहीं, बाहर से आने वाले नेता भी कोरोना से बचाव को जारी मानकों का अनुपालन करते नजर नहीं आ रहे हैं। बिना मास्क व सुरक्षित शारीरिक दूरी के बंद कमरों में बैठकें और मंच साझा किए जा रहे हैं। इससे स्थिति और चिंताजनक हो रही है। वह भी तब, जब उनसे आमजन को मानकों का अनुपालन कराने को जागरूक करने की अपेक्षा की जाती है।

गरिमा दसौनी (प्रवक्ता कांग्रेस) का कहना है कि जनप्रतिनिधियों के स्तर पर इस तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री देहरादून आने से पहले जांच करा कर आए थे या बाद में जांच कराई। दोनों ही स्थिति में उन्हें अपने स्वास्थ्य को लेकर कुछ आशंका रही होगी। ऐसी स्थिति में उन्होंने अपने संपर्क में आने वालों को संक्रमण के खतरे में डाला है। वह एक जिम्मेदार नागरिक का फर्ज निभाने में असफल रहे।

-शादाब शम्स (प्रवक्ता भाजपा) का कहना है कि केजरीवाल ने जितनी घोषणाएं की हैं, उनमें तो उन्होंने कुछ नहीं दिया। उन्होंने उत्तराखंड के निवासियों को संक्रमण का खतरा अवश्य दे दिया है। जब वह देहरादून आए तो संभवत: आरटीपीसीआर टेस्ट करा कर आए थे। बावजूद इसके उन्होंने मास्क का उपयोग नहीं किया। उनका यह आचरण उचित नहीं था।

-एसएन सचान (प्रदेश अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी) का कहना है कि केजरीवाल ने उत्तराखंड के लिए छह गारंटी दी हैं। सातवीं वह कोरोना संक्रमण के रूप में दे गए हैं। एक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व एक प्रदेश के मुख्यमंत्री के संक्रमित होने के बावजूद प्रदेश में आना उनके आचरण की जानकारी देता है। उन्हें केवल घोषणा करना आता है। उन्हें किसी की चिंता नहीं है।

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