मेरठ क्राइम न्यूज़: सदर थानांतर्गत आबूलेन में स्थित करनैल होटल में बागपत के हिसावदा निवासी एक युवक ने खुद को गोली मारकर जान दे दी। पुलिस को मौके से तमंचा और सुसाइड नोट मिला है। युवक ने अपनी कंपनी में काम करने वाले एक साथी पर आत्महत्या के लिये उकसाने का आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी ने सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
बागपत के हिसावदा निवासी नरेश कुमार (37) पुत्र ओम वीर सिंह गुड़गांव की नियान स्टील कंपनी में काम करता था। वह रात आठ बजे होटल कर्नल में आया था। उसे कमरा नंबर 104 दिया गया था। सोमवार की दोपहर दो बजे जब आवाज दी गई तो अंदर से आवाज नही आई। होटल संचालक ने पुलिस को सूचना दी और जब दरवाजा तुड़वाया गया तो अंदर युवक का खून से लथपथ शव पड़ा हुआ था।
पास में 315 बोर का तमंचा और खोखा पड़ा हुआ था। पास में ही सुसाइड नोट पड़ा था। एसएसपी रोहित सिंह सजवान ने बताया कि सुसाइड नोट में स्टील कंपनी में कार्यरत दिनेश सिंह के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। मृतक की पत्नी ने दिनेश सिंह के खिलाफ धारा 306 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।
पुलिस ने सुसाइड नोट में दर्ज मोबाइल नंबरों के आधार पर नरेश कुमार के घर वालों को सूचना दी। शाम को मृतक की पत्नी समेत तमाम रिश्तेदार होटल में आये और सदर इंस्पेक्टर देव सिंह रावत और सीओ कैंट रुपाली राय से बातचीत की। परिजनों ने बताया कि उनको उम्मीद नहीं थी कि नरेश मेरठ आकर सुसाइड कर लेगा।
वेदांत बेटा मुझे माफ करना दिनेश को मत छोड़ना: आबूलेन के होटल करनैल में सुसाइड करने वाले बागपत निवासी नरेश कुमार के सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने मुकदमा भले दर्ज कर लिया हो, लेकिन नोट में कहीं भी जिक्र नहीं किया गया कि साथी क्यों दबाव डाल रहा था? नोट में उसने यह जरुर लिखा कि वेदांत बेटा मुझे माफ करना, लेकिन दिनेश को मत छोड़ना।
मृतक नरेश कुमार के सुसाइड नोट में उसने लिखा है कि वह बागपत के हिसावदा का रहने वाला है और उसकी हत्या का कारण दिनेश सिंह है जो नियान स्टील में काम करता है और आईवीआईएस गार्डन छतरपुर में रहता है। दिनेश सिंह कानपुर का निवासी है। दिनेश सिंह ने मुझे आत्महत्या करने के लिये मजबूर कर दिया है
और मेरी हत्या का कारण दिनेश ही है। दिनेश के पास जापान का वीजा है, वह देश छोड़ कर भाग सकता है। वेदांत बेटा मुझे माफ कर देना। दिनेश सिंह को जरुर सजा दिलाना। मोटू मैं हमेशा साथ हूं और बच्चों का ध्यान रखना। लव यू बस आप पर विश्वास है।
पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल: जैसे ही पत्नी अपने परिजनों के साथ आई और पति को मृत हालत में देख वो गश खाकर गिर पड़ी। उसने ख्वाब में भी नहीं सोचा होगा कि उसका सुहाग इस तरह उजड़ जाएगा। उसे परिजनों ने किसी तरह संभाला। उसके साथ आए लोगों की आंखे भी नम थी।
क्या है धारा ३०६: आईपीसी की धारा 306 के तहत किसी व्यक्ति को दोषी ठहराने के लिए अपराध करने के लिए स्पष्ट पुरुषों का कारण होना चाहिए। इसके लिए एक सक्रिय कार्य या प्रत्यक्ष कार्य की भी आवश्यकता होती है जो मृतक को आत्महत्या करने के लिए उकसाता है और कोई अन्य विकल्प नहीं ढूंढता है।
कितने साल की सजा होती है
भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, और जो भी इस तरह की आत्महत्या के लिए उकसाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
कुछ अनसुलझे सवाल
जब नरेश ने खुद की कनपटी में गोली मारी, उस वक्त हुई आवाज होटल कर्मचारियों को क्यों नहीं सुनाई दी।
गुड़गांव में नौकरी करने वाला, बागपत निवासी युवक ने मेरठ में सुसाइड क्यों किया।
दोपहर दो बजे तक होटल के स्टाफ ने सुध क्यों नहीं ली।