सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां बसपा नेता की मौत मामले में कस्टडी में लाए गए एक युवक की मौत से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। परिजनों ने पुलिस पर घर से बुलाकर मारने-पीटने करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन पुलिस का कहना है कि घर से लाते समय युवक राजू की हालत बिगड़ी, जिसके बाद उसे आनन फानन में जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस का कहना है कि युवक की मौत का कारण तबीयत खराब होना है। डॉक्टरों के पैनल से मृतक का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। बता दें ये मामला पिसावां थाना इलाके का है। जहां के ग्राम जिगिनिया निवासी रामलोटन पुत्र वेदनाथ बसपा का सेक्टर प्रभारी था। रामलोटन का शव गांव के बाहर मंगलवार की सुबह खून से लथपथ मिला और उसके शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। परिजनों ने गांव के ही 6 लोगों पर हत्या का शक जताते हुए नामजद तहरीर दी।
पुलिस ने तफ्तीश आगे बढ़ी और गांव के ही नामजद आरोपियों में से राजू पुत्र जवाहर को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए घर से ले आई। पुलिस के अनुसार, देर रात राजू की तबीयत बीगड़ते ही पुलिस और चौकीदार सन्तराम पिसावां सीएचसी पहुंचे, जहां से डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन जिला अस्पताल में राजू का प्राथमिक टेस्ट करते हुए डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतक की मां का आरोप है कि उसके बेटे राजू को पुलिसकर्मी अपनी जीप में बिठाकर ले गए और उसको सब लोगों ने मिलकर मारा, जिससे उसकी मौत हो गई। परिजनों के अनुसार, उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने जान-बूझकर उसे फंसाने के लिए कस्टडी में लिया था। पुलिस ने युवक की मौत पर जो भी बात कही है, उसपर विश्वास नहीं हो रहा है। मृतक युवक के परिजनों ने कहा है कि वह इस मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से करेंगे।