योगी का दिवाली गिफ्ट : पुलिसकर्मियों को अब मिलेगा 500 रुपये Bike भत्ता, ई-पेंशन पोर्टल की भी सुविधा
दीवाली से ठीक पहले पुलिस के जवानों के बीच मौजूद मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की सहूलियत को देखते हुए ₹5,00,000 से अधिक के चिकित्सा खर्च प्रतिपूर्ति की स्वीकृति पुलिस महानिदेशक स्तर से होने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में संविधान के अनुसार कानून का राज बनाये रखने में उत्तर प्रदेश पुलिस के योगदान की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि अपराध और अपराधियों के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति और पुलिस की सक्रियता का परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध समाप्त हो गया है। ऐसे अपराधी या तो जेल में बंद हैं अथवा गिरफ्तारी के दौरान मारे गए। प्रदेश में महिलाएं- बालिकाएं, कमजोर वर्ग और व्यापारी आज सुकून से हैं। हर पर्व-त्योहार शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हो रहा है। समाज में समरसता है।
पुलिस स्मृति दिवस के खास मौके पर पुलिस के वीर जवानों के साहस, शौर्य और बलिदान को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने पुलिस कर्मियों को अब तक मिल रहे ₹200 साइकल भत्ता को बढाकर ₹500 मोटरसाइकल भत्ता देने की घोषणा की, साथ ही, पुलिस विभाग को भी ई-पेंशन पोर्टल की सेवाओं का उपहार दिया। दीवाली से ठीक पहले पुलिस के जवानों के बीच मौजूद मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों की सहूलियत को देखते हुए ₹5,00,000 से अधिक के चिकित्सा खर्च प्रतिपूर्ति की स्वीकृति पुलिस महानिदेशक स्तर से होने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि अभी तक इसके लिए शासन स्तर पर कार्यवाही होती थी, जिससे अनावश्यक विलम्ब होता था, अब ऐसा नहीं होगा।
शहीद जवानों के परिजनों की हर जरूरी मदद करेगी सरकार
रिजर्व पुलिस लाइन, लखनऊ में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने 'श्रीमद्भगवतगीता में वर्णित "हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्।" के महान संदेश का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे वीर जवानों ने गीता से महान प्रेरणा लेते हुए देश और प्रदेश की बाह्य व आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। आज का दिन उनके इसी निष्ठा के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का है।उन्होंने कहा कि 2021-22 में उत्तर प्रदेश के 07 जांबाज पुलिसकर्मी कर्तव्य की वेदी पर शहीद हो गए।
शहीदों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री शहीद पुलिसकमियों के आश्रितों को आश्वस्त किया कि सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ उनकी हर संभव मदद करेगी। सीएम ने कहा कि हमारे पुलिस बल ने विपरीत परिस्थितियों ने भी अपना काम जारी रखा है। कोरोना के बीच अभूतपूर्व परिश्रम कर जहां एक पर नियमों का पालन किया, वहीं मानवता की मिसाल भी पेश की। कोरोना पॉजिटिव भी हुए लेकिन सेवापथ नहीं छोड़ा। इस दौरान 45 पुलिसकर्मियों का देहांत भी हुआ, जिनके परिजनों को नियमानुसार नौकरी व ₹22 करोड़ 50 लाख का भुगतान भी किया गया। यही नहीं, केंद्रीय अर्धसैनिक बलों, भारतीय सेना आदि में सेवारत उत्तर प्रदेश मूल के शहीद 581 जवानों के आश्रितों को ₹141.9 करोड़ की सहायता राशि दी गई।
मुठभेड़ में मारे गए 166 दुर्दांत अपराधी
उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था के लिए पुलिस की कोशिशों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा किअपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए अब तक 44 अरब 59 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई है। यहां अब बेटियों के लिए स्कूल अथवा गरीबों के लिए घर बन रहे हैं। सीएम ने कहा कि 30 मार्च 2017 से 13 अक्टूबर 2022 तक प्रदेश भर 166 दुर्दांत अपराधी मारे गए, जबकि 4453 घायल हुए। 58,648 पर गैंगस्टर की कार्रवाई हुई और 807 पर एनएसए के तहत कार्रवाई की गई। 50 कुख्यात माफियाओं और उनके सदस्यों की लगभग ₹2268 करोड़ की संपत्ति जब्त अथवा ध्वस्त की गई। इसमें 01 माफिया व उसके 08 साथी मुठभेड़ में मारे भी गए। 39 को आजीवन कारावास की सजा हुआ है तो प्रभावी अभियोजन करते हुए 02 को फांसी की सजा दिलाई गई। इसी अवधि में हमारे 13 जवान शहीद भी हुए।
एक वर्ष में शहीद हुए सात पुलिसकर्मी
एक सितंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 की अवधि में कर्तव्य की बेदी पर देश में 264 पुलिसकर्मियों ने अपने प्राण न्यौछावर किए। इनमें उत्तर प्रदेश के 07 पुलिसजन क्रमशः उपनिरीक्षक वीरेन्द्र नाथ मिश्रा, उपनिरीक्षक कादिर खाँ, मुख्य आरक्षी मुनील कुमार चौबे, आरक्षी सर्वेश कुमार, आरक्षी सुमित कुमार, आरक्षी ललित कुमार एवं आरक्षी मनीष कुमार सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्तव्य पालन में आत्म बलिदान करने वाले इन वीरों के पराक्रम से प्रदेश का सम्पूर्ण पुलिस बल गौरवान्वित है। इन वीर पुलिस कर्मियों का त्याग एवं बलिदान देशभक्ति का अद्वितीय उदाहरण बनकर हमारी भावी पीढ़ी को सदैव कर्तव्य परायणता के मार्ग पर निर्भीकता के साथ अनुगमन की प्रेरणा देता रहेगा। हमारे पुलिस कर्मियों का यह बलिदान उनकी सच्ची समर्पण भावना एवं कर्तव्य परायणता का द्योतक है तथा कर्तव्यनिष्ठा एवं जनसेवा के प्रति उनकी संकल्पबद्धता को प्रतिबिम्बित करता है।