जनता से रिश्ता वेबडेस्क : योगी आदित्यनाथ सरकार ग्रामीणों को बड़ी सौगात देने जा रही है। शहरों के साथ-साथ गांवों में भी छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार गांववालों को एक्सप्रेस-वे के पास जमीन देगी। सिर्फ विकास शुल्क लेकर गांववालों को जमीन आवंटित की जाएगी। यही नहीं प्रदेश में मौजूदा एक्सप्रेसवे के पांच किमी के दायरे में भी ग्राम सभा की जमीन उद्योग के लिए दी जाएगी। जिस ग्राम सभा की जमीन ली जाएगी वहां से संबंधित विकास खंड के उद्यमियों को जमीन आवंटन में प्राथमिकता मिलेगी।
निर्यात व रोजगार में एमएमएमई सेक्टर के बढ़ते योगदान को देखते हुए यूपी सरकार अब उत्तर प्रदेश सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम प्रोत्साहन नीति-2022 लाने जा रही है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने पर खास फोकस है। इसके तहत ग्राम सभा की पांच से 10 एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहीत कर उद्योग निदेशालय को नि:शुल्क हस्तांतरित की जाएगी। यहां औद्योगिक क्लस्टर विकसित होंगे। इसी में छोटे उद्योग लगाने वाले स्थानीय उद्यमियों को जमीन का आवंटन केवल विकास शुल्क कर किया जाएगा।
पीपीपी आधार पर बनेगा 500 करोड़ का फंड
एमएसएमई पार्क, औद्योगिक पार्क में रोड कनेक्टिविटी, बिजली फीडर, बिजली नेटवर्क, पानी का आपूर्ति, ट्रीटमेंट प्लांट आदि की मजबूती के लिए 500 करोड़ का क्रिटिकल इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्राचर फंड बनेगा।इसमें यूपी सरकार बजट से प्रावधान करेगी। इस फंड को अटल इनोवेशन मिशन से जोड़ा जाएगा। उद्यमियों को स्टाक एक्सचेंज के जरिए पूंजी जुटाने के लिए एमएमएमई उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके जरिए इक्विटी पूंजी जुटाने पर खर्च किए खर्च की 50 प्रतिशत अधिकतम पांच लाख रुपये की वित्तीय प्रतिपूर्ति की जाएगी।
फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स पर विशेष रियायत मिलेगी
निजी कंपनी अगर दस एकड़ या उससे अधिक जमीन पर एमएमएमई पार्क या फ्लैटेड फैक्ट्री काम्प्लेक्स बनाती है तो उसे स्वीकृत कर्ज पर देय ब्याज के 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति सात सालों तक की जाएगी। जमीन खरीदने पर निजी कंपनी को स्टांप शुल्क में पूरी छूट मिलेगी। पार्क या काम्प्लेक्स में 75 प्रतिशत बिक्री योग्य स्थान यूनिट के लिए आरक्षित करना जरूरी है। औद्योगिक क्षेत्रों को नगर निगमों को हस्तांरित करने की नीति बनेगी।source-hindustan