विश्व आर्द्रभूमि दिवस को बेल्हा नदी की किनारे मनाया गया

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Update: 2023-02-03 10:39 GMT
प्रतापगढ़। नेहरू युवा केंद्र युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत एवं सामाजिक वानिकी वन एवं वन्य प्रभाग के संयुक्त सहयोग से गुरुवार को बेल्हा देवी सई नदी के किनारे विश्व आर्द्र भूमि दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वन विभाग के एसडीओ, जिला परियोजना अधिकारी शिवम यादव लेफ्टिनेंट एनसीसी ऑफिसर सुनील यादव पॉलिटेक्निक चिलबिला आशीष कुमार सिंह वन विभाग सदर और विद्यालय के बच्चे और एनसीसी के कैडेट्स उपस्थित रहे। शिवम यादव ने बताया कि बैटलैंड यानी एक ऐसा भूभाग होता है जहां भरपूर नमी पाई जाती है। विश्वआर्द्र भूमि ऐसा भूभाग होता है जहां के पारितंत्र का बड़ा हिस्सा स्थाई रूप से या प्रतिवर्ष किसी मौसम में जल से संतृप्त हो या उससे डूबा रहे। जैव विविधता की दृष्टि से आर्दभूमि या अत्यंत संवेदनशील होती हैं क्योंकि विशेष प्रकार की वनस्पति हुआ अन्य जीव ही आज भूमि पर उगने और फलने फूलने के लिए अनुकूलित होते हैं। नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आद्र भूमि कहा जाता है आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है।
आर्द्र भूमि वह क्षेत्र है जो हर वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णता जल से भरा रहता है।भारत में ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों पर तक फैली हुई है। वेटलैंड को किडनीज आफ द लैंडस्केप यानी भू दृश्य के गुर्दे भी कहा जाता है। जिस प्रकार से हमारे शरीर में जल को शुद्ध करने का कार्य किडनी द्वारा किया जाता है उसी प्रकार वेटलैंड तंत्र जलचक द्वारा जल को शुद्ध करता है और प्रदूषण अवयवो को निकाल देता है। भारत में स्वतंत्रता के 75 वर्ष में देश में 13 26 677 क्षेत्र को कवर करते हुए 75 रामसर स्थलों को बनाने के लिए रामसर स्थलों की सूची में 11वीं और आदि शामिल हो गई है। एसडीओ के द्वारा वेटलैंड डे के बारे में विस्तार से बताया गया।कार्यक्रम का संचालन आशीष कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र विद्यालय के बच्चे एनसीसी कैडेट्स और वन विभाग के कर्मचारी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।
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