महिला कल्याण की योजनाएं भी पढ़ेंगे, वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में हैं 40 सीट

Update: 2023-06-15 05:51 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा के क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र प्रयागराज में महिलाओं के कल्याण की योजनाएं अब छात्र-छात्राएं पढ़ेंगे. विश्वविद्यालय स्नातक का अनोखा चार वर्षीय स्त्रत्त्ी अध्ययन पाठ्यक्रम इसी साल से शुरू करेगा. इस पाठ्यक्रम के तहत स्त्रत्त्ी आंदोलन का इतिहास, दर्शनशास्त्रत्त्, महिलाओं के अधिकार, स्त्रत्त्ी जागरूकता आदि विषयों की पढ़ाई होगी. यह पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति 2020 के तहत तैयार किया गया है. इसमें कॉमन युनिवर्सिटी इंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) से दाखिला होगा. इसकी पढ़ाई सिर्फ प्रयागराज अध्ययन केंद्र में ही होगी. विभाग क्षेत्रीय अध्ययन केंद्र प्रयागराज में बनाया गया है.

केंद्र के एकेडमिक निदेशक प्रो. अखिलेश दुबे ने बताया कि चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम में 40 सीट है. जबकि दो वर्षीय परास्नातक में 30 सीट के सापेक्ष प्रवेश होगा. इस विभाग में तीन एसोसिएट प्रोफेसर कार्यरत हैं, इसलिए 18 सीटों के सापेक्ष शोध होगा. प्रो. दुबे ने बताया कि स्त्रत्त्ी अध्ययन के स्नातक व परास्नातक कोर्स में मल्टीपल एग्जिट व मल्टीपल एंट्री का विकल्प मिलेगा. पहले साल की पढ़ाई करने वाले छात्रों को सर्टिफिकेट, दूसरे साल में डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री और चौथे साल में ऑनर्स की डिग्री प्रदान की जाएगी.

इसी पाठ्यक्रम से स्नातक करने वाले छात्र को बगैर किसी प्रवेश परीक्षा के सीधे एमए में दाखिला मिल जाएगा. और सिर्फ एक ही साल की पढ़ाई करने पर परास्नातक की डिग्री मिल जाएगी. जबकि अन्य विषय से स्नातक करने वाले छात्रों को स्त्रत्त्ी अध्ययन विषय में प्रवेश के लिए इंट्रेंस टेस्ट देना होगा. उन्हें एमए के लिए दो साल की पढ़ाई करनी होगी.

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