महानगर में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी महिलाएं

डूडा की ओर से स्वयं सहायता समूह ही महिलाओं को प्रति टेस्ट 30 रुपये व रोजाना 300 रुपये का भुगतान ऑनलाइन खाते में किया जाएगा

Update: 2024-03-13 06:04 GMT

अलीगढ़: महानगर में पानी की गुणवत्ता की जांच को अब व्यवस्था बदलने वाली है. पांच से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं वार्डों में पानी की गुणवत्ता की जांच करेंगी और इसकी रिपोर्ट नगर निगम को देंगी. पांच महिला समूह 25 वार्डों को कवर करेंगी. एक समूह में दो महिलाएं, एक सुपरवाइजर को जिम्मेदारी दी गई है. डूडा की ओर से स्वयं सहायता समूह ही महिलाओं को प्रति टेस्ट 30 रुपये व रोजाना 300 रुपये का भुगतान ऑनलाइन खाते में किया जाएगा.

जवाहर भवन में पानी की जांच के लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण के दौरान उनको बताया गया कि किस तरह से वह पानी का ओटी टेस्ट करेंगी. नगर निगम जलकल विभाग की ओर से महिलाओं को जांच के लिए किट प्रदान की गई है. अपर नगर आयुक्त राकेश यादव व महाप्रबंधक मो. अनवर ख्वाजा ने प्रशिक्षण लेने वाली महिलाओं को कार्य करने के लिए आधिकारिक रूप से प्रमाण पत्र सौंपा. पांच को राष्ट्रपति इसका विधिवत शुभारंभ करेंगी. डूडा के परियोजना अधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि इससे स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को रोजगार मिलेगा और पानी की जांच भी होगी.

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं पानी जांच करने के साथ वार्डों में लीकेज, दूषित पानी आने, पेयजल आपूर्ति बाधित होने व कनेक्शन नहीं होने समेत अन्य बिन्दुओं पर भी नगर निगम जलकल विभाग को रिपोर्ट देंगी. नगर निगम जलकल विभाग के पास अभी तक फील्ड में उक्त सूचनाएं देने के लिए केवल दो कर्मचारी थे. अब जलकल विभाग का नेटवर्क बढ़ेगा. पुराने शहर में पेयजल को लेकर सबसे अधिक समस्या है. केंद्र व प्रदेश सरकार के संयुक्त अभियान से जलापूर्ति में सुधार आएगी. जिन स्थानों से पानी की रिपोर्ट गड़बड़ मिलेगी वहां पर कारण जानकर उसको दुरुस्त कराया जाएगा.

अमृत 2.0 योजना के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को पानी की जांच की जिम्मेदारी दी गई है. 25 वार्डों को कवर किया जाएगा. इसके बाद संख्या में और इजाफा किया जाएगा. रोजाना एक महिला 10 टेस्ट करेगी. लीकेज, पेयजल, दूषित जलापूर्ति समेत अन्य बिन्दुओं पर भी जलकल विभाग को रिपोर्ट मिलेगी.

मो. अनवर ख्वाजा, महाप्रबंधक जलकल.

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