मोरना। चिकित्सा क्षेत्र में आधुनिक तकनीक व बढ़ती सुविधाओं के दावों के बावजूद आज भी महिलाओं के लिये प्रसव किसी डरावने सच से कम नही है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत के अनेक मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं।
गुरुवार को प्रसव के उपरांत हुई महिला की मौत से चिकित्सा सुविधाओं पर पुन: सवाल खड़े हो गये हैं। महिला की मौत के बाद परिजनों ने जिला मुख्यालय पर स्थित निजी अस्पताल के चिकित्सक पर लापरवाही के गम्भीर आरोप लगाये हैं। सूचना पर पहुँची पुलिस ने घटना की जानकारी की है।
भोपा थाना क्षेत्र के गाँव योगेन्द्र नगर में मनोज कुमार की 23 वर्षीय पत्नी साक्षी का प्रसव बीते 19 जुलाई को मुजफ़्फरनगर में जानसठ मार्ग पर स्थित निजी चिकित्सालय में हुआ था। जहाँ साक्षी ने पुत्री को जन्म दिया। 21 जुलाई को साक्षी की अस्पताल से छुट्टी कर दी गयी। तभी से साक्षी को पेट दर्द की शिकायत रहने लगी, दर्द को आराम न होने पर 23 जुलाई को साक्षी को पुन: अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सक ने इसे वहम मात्र बताकर जल्द ही आराम हो जाने का आश्वासन दिया, किन्तु साक्षी को कोई आराम न मिलने पर उसे पुन: 26 जुलाई को अस्पताल ले जाया गया।
चिकित्सक ने महिला के इलाज के नाम पर फिर से खानापूर्ति की। बीते एक अगस्त को साक्षी को अस्पताल ले जाया गया, तो चिकित्सक ने बीमारी की बात को सुनी अनसुनी करते हुए महिला को मनोरोगी बता डाला तथा बीमारी को भ्रम बताकर घर लौट जाने को कहा।
परिजनों के अनुसार गुरुवार की सुबह साक्षी को उल्टियां होने लगी और हालत बिगड़ती गयी, कुछ देर बाद साक्षी की मौत हो गयी। साक्षी की मौत से परिवार में शोक की लहर दौड़ गयी। चिकित्सक पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दी गयी। सूचना पर पहुँची डायल 112 पुलिस ने घटना की जानकारी की। परिजनों ने बिना किसी पुलिस कार्रवाई के मृतका का अन्तिम सँस्कार कर दिया।
थाना प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मामले में कोई तहरीर नहीं प्राप्त हुई है। मृतका अपने पीछे नवजात पुत्री सहित दो वर्षीय पुत्री राधिका को छोड़ गयी है। साक्षी की अचानक मौत से पति मनोज ससुर सोम सास कुसुम ननद मंजू व संजू का रो रोकर बुरा हाल है।