अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक में प्रोबेशनरी ऑफिसर के पद पर तैनात एक युवती की सुसाइड का मामला गरमाता जा रहा है. युवती की सुसाइड नोट में अपने पूर्व मंगेतर समेत 3 लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है. तो इसी मसले पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने जांच की मांग की है. वहीं अयोध्या पुलिस रात में ही पोस्टमॉर्टम कराने में जुटी है.
अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक में पब्लिक ऑफिसर के पद पर तैनात एक युवती का शव उसके घर में संदिग्ध परिस्थितियों में कुंढ़े से लटकता पाया गया है. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने गहन जांच पड़ताल की. युवती के कमरे से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें उसने मौत के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें एक नाम विवेक गुप्ता का भी है जिससे बैंककर्मी युवती की शादी तय हुई थी. लेकिन बाद में टूट गई.
जबकि सुसाइड नोट में बाकी 2 नाम चौंकाने वाले हैं जिसमें पहला नाम आशीष तिवारी एसएसएफ हेड लखनऊ, तो दूसरा नाम अनिल रावत पुलिस फैजाबाद लिखा है. अयोध्या पुलिस ने पूर्व मंगेतर विवेक गुप्ता को हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है.
अखिलेश यादव ने इसी मसले पर ट्वीट करते हुए कहा कि अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक की महिला कर्मचारी की आत्महत्या मामले में मिले सुसाइड नोट में जिस प्रकार पुलिस के लोगों पर सीधा आरोप है वो यूपी में बदहाल कानून-व्यवस्था का कड़वा सच है. इसमें सीधे एक आईपीएस अफसर तक का नाम आना बेहद गंभीर मुद्दा है. इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच हो.
2 दिन से बंद था दरवाजा
अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक में पब्लिक अफसर के पद पर तैनात श्रद्धा गुप्ता का शव शनिवार को उसके कमरे में दुपट्टे से लटकता हुआ पाया गया. 2 दिन से उसके घर का दरवाजा नहीं खुला और फोन भी नहीं उठा तो पड़ोसियों ने मकान मालिक को जानकारी दी और उसने पुलिस को बुलाया.
दरवाजे के ऊपर रोशनदान को तोड़कर पुलिस जब अंदर पहुंची तो श्रद्धा कमरे के छज्जे में लगे कुंढे से लटकती मिली. ध्यान देने वाली बात यह रही कि यह छज्जा जमीन से महज 7 फुट ऊपर था और गले में बंधे दुपट्टे के सहारे लटकती हुई श्रद्धा का पैर जमीन पर था और मुड़ा हुआ भी था. ऐसे में आत्महत्या की थ्योरी और हत्या की आशंका के बीच उसकी मौत की मिस्ट्री उलझ कर रह गई है.
सबसे महत्वपूर्ण और चौंकाने वाला उसका सुसाइड नोट है. इसमें 3 नाम लिखे गए हैं और इन्हीं 3 नामों को श्रद्धा ने अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जिसमें लखनऊ की एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाले विवेक गुप्ता का नाम है जिससे कोविड-19 की पहली लहर से पहले श्रद्धा के साथ शादी तय हुई थी, लेकिन सगाई के पहले श्रद्धा ने यह कहते हुए रिश्ता तोड़ लिया कि लड़के का चाल चलन ठीक नहीं है. जबकि दूसरा नाम आशीष तिवारी का है जो बेहद चौंकाने वाला इसलिए है कि नाम के आगे एसएसएफ हेड लखनऊ लिखा हुआ है तो तीसरा नाम अनिल रावत का है जिसके नाम के आगे पुलिस फैजाबाद लिखा हुआ है.
शादी तय हुई लेकिन टूट गई
श्रद्धा के घरवाले पहले नाम को तो जानते हैं लेकिन बाद के दोनों नामों को साफ तौर पर नहीं जानते हालांकि श्रद्धा के चचेरे भाई दीप का दावा है कि ये तीनों दोस्त हैं और उन्होंने इतना प्रताड़ित किया की उसने आत्महत्या कर ली. पहले शादी तय हुई थी लेकिन बाद में टूट गई
इस मामले में पुलिस के सभी बड़े अफसरों ने घटनास्थल की जांच की और फॉरेंसिक टीम ने भी श्रद्धा के कमरे और घर की गहन जांच की. वीडियोग्राफी के दौरान रोशनदान तोड़कर परिजनों की उपस्थिति में दरवाजा खोला गया तो श्रद्धा का शव दुपट्टे से लटकता हुआ मिला. एसएसपी अयोध्या की मानें तो पोस्टमार्टम के बाद मौत की गुत्थी सुलझ जाएगी. हालांकि उसकी सुसाइड नोट में लिखे गए नामों को परीक्षण के बाद उनकी भूमिका तय करने की बात उन्होंने कही है.
कुछ लोगों का नाम आया, यह जांच का विषयः SSP
अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे ने कहा कि पुलिस को यह जानकारी मिली कि एक महिला जो एक बैंक में अधिकारी के रूप में कार्यरत थी. वह अपना दरवाजा नहीं खोल रही थी. जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों की उपस्थिति में जब रोशनदान तोड़कर वीडियोग्राफी कराते हुए अंदर गए और दरवाजा खोला तो दुपट्टे से लटकी हुई बॉडी मिली. बॉडी को नियम के तरीके से पंचनामा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य साक्ष्यों के माध्यम से आगे की कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी.
उन्होंने कहा कि वहां पर एक नोट मिला है. उस नोट को विधि संगत तरीके से कब्जे में ले लिया है. उसकी जांच कराई जाएगी. उसमें कुछ नाम हैं. कैसे ये नाम है इसमें यह जांच का विषय है.