लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ समाजवादी पार्टी 40 प्रतिशत वोट को नए तरीके से बिछा रही बिसात
सपा ने माइक्रोलेवल पर जाकर अपने वोटरों को साधने की रणनीति बनाई
बस्ती: लोकसभा चुनाव के ऐलान के साथ समाजवादी पार्टी महासमर में उतरने के लिए नए सिरे से चुनावी बिसात बिछा रही है. इस बार उसने 40 प्रतिशत से ज्यादा वोट पाने का लक्ष्य रखा है. दो साल पहले विधानसभा चुनाव में उसने 32.06 प्रतिशत वोट पाए थे. अब इसमें करीब 8 से प्रतिशत की बढ़ोतरी के लिए सपा ने माइक्रोलेवल पर जाकर अपने वोटरों को साधने की रणनीति बनाई है.
सपा को इस बात का अहसास है कि वोट प्रतिशत के लिहाज से उसका सबसे निराशाजनक प्रदर्शन पिछले लोकसभा चुनाव में हुआ. तब उसे केवल .11 प्रतिशत वोट ही हासिल हुए थे. पिछले 24 साल में हुए 9 लोकसभा-विधानसभा चुनावों में सपा का वोट प्रतिशत सबसे ज्यादा 22 के विधानसभा चुनाव में आया जहां उसे 32 प्रतिशत से ज्यादा वोट आए. जब सपा को 12 के विधानसभा चुनाव में 224 सीटें मिलीं थीं तब उसका वोट प्रतिशत 29. रहा.
इस लिहाज से सपा अपने वोट प्रतिशत में कम से कम 8 प्रतिशत का इजाफा चाहती है ताकि इंडिया गठबंधन की मुख्य धुरी होने के नाते सपा यहां से 04 के लोकसभा चुनाव जैसी कामयाबी पा सके. 62 सीटों पर लड़ रही सपा ने गठबंधन दलों के बीच वोट ट्रांसफर पर खासा जोर दिया है. बूथ मैनेजमेंट पर जोर देते हुए सपा ने इस बार पीडीए के आधार बूथ कमेटियां गठित कीं. अब इनका काम बूथ तक वोटरों को लाने का भी है और मतदान के लिए प्रोत्साहित करना है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कुछ समय पहले पार्टी की आंतरिक बैठक में कहा था कि बूथ मैनेजमेंट सही न हो पाने के कारण हम लोग अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है. इसलिए सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर है.
पिछले नौ चुनाव में सपा का प्रदर्शन
चुनाव वर्ष प्रत्याशी लड़े सीट जीते वोट प्रतिशत
विस 22 347 111 32.06
लोस 37 05 .11
विस 17 311 47 21.82
लोस 14 78 05 .
विस 12 401 224 29.
लोस 09 75 23 23.26
विस 07 393 97 24.45
लोस 04 68 35 26.74
विस 02 390 141 25.30