लखनऊ में बिना पंजीकरण के मदरसों का मददगार कौन ? राजधानी में 111 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे
बड़ी खबर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में मदरसों का सर्वे पूरा हो गया है। राजधानी लखनऊ में शासन के निर्देश पर लखनऊ डीएम ने भी एक सर्वे कराया। सर्वे में पता चला कि लखनऊ में 242 में से 111 मदरसे बिना पंजीकरण चल रहे है। ये मदरसे बिना सरकारी मदद के चलते है। इनका संचालन जकात से मिली रकम से हो रहा है। नेपाल बार्डर के जिले और पश्चिमी यूपी की तरह ही लखनऊ में भी बिना पंजीकरण के अवैध मदरसे संचालित हैं।
111 मदरसे नहीं लेते सरकारी मदद
जिला प्रशासन ने राजधानी के मदरसों में कुल 12 बिंदुओं पर सर्वे किया। सर्वे के बाद रिपोर्ट सरकार को भेजी गई है। उसमें कुल 242 मदरसों का जिक्र है। इनमें से 131 मदरसे ऐसे पाए गए जो मान्यता प्राप्त हैं। यानी यह ऐसे मदरसे हैं जो सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा 111 मदरसे बिना पंजीकरण के चलते मिले इन मदरसों को लेकर ही जिला प्रशासन चिंतित है। सर्वे में पता चला कि बिना पंजीकरण चल रहे मदरसे किसी तरह की सरकारी मदद से नहीं लेते हैं। जकात से मिली रकम से इन अवैध मदरसों का संचालन हो रहा है।
जकात में मिली रकम का हिसाब नहीं
जांट में ये पता चला है कि जकात से कितनी रकम मिल रही है और कहां किन मदों में खर्च किया जा रहा है। इसकी कोई जानकारी इन मदरसा संचालकों के रिकॉर्ड में नहीं मिली। सर्वे में मदरसा संचालकों ने जकात के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। सरकार की नजर ऐसे ही मदरसों पर है। सूत्रों के अनुसार दरअसल नेपाल बॉर्डर के आस पास और पश्चिमी यूपी में कई मदरसों में जकात से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधियों में किया जा रहा है। खुफिया एजेंसियों को प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट आफ इंडिया से कई मदरसों के संपर्क होने के भी सुबूत मिले हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता चलेगा।