जब समर्थकों संग सड़कों की मरम्मत करने लगे विधायक, पुलिस ले गई थाने
इलाके में तनाव की स्थिति
अमेठी: अमेठी के गौरीगंज से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने पिछले दिनों यूपी सरकार की 'गड्ढा मुक्त सड़क' योजना पर सवाल खड़े करते हुए विधानसभा पद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. अमेठी की सड़कों के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर उन्होंने अनशन भी किया था. लेकिन जब प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी, तो वे गांववालों और समर्थकों के साथ मिलकर सड़क बनाने में जुट गए. इसके बाद पुलिस ने पहुंचकर न सिर्फ सड़क का काम रुकवाया, बल्कि उन्हें हिरासत में भी लिया.
दरअसल अमेठी के गौरीगंज से सपा के विधायक राकेश प्रताप सिंह ने दो अक्टूबर को जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा था. इसमें उन्होंने कहा था कि इलाके की दो सड़कों कादूनाला-थौरी मार्ग और मुसाफिरखाना-पारा मार्ग की हालत काफी खराब है. इसके लिए वे दो सालों से मांग उठा रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
विधायक पद से दिया इस्तीफा
इतना ही नहीं राकेश प्रताप सिंह ने लिखा था कि अगर 31 अक्टूबर तक सड़कों के पुर्ननिर्माण का कार्य शुरू नही हुआ, तो वे अपने विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे और आमरण अनशन शुरू करेंगे. इसके बाद भी जब सड़क निर्माण शुरू नहीं हुआ, तो विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इसके बाद उन्होंने आमरण अनशन भी किया. हालांकि, अखिलेश यादव की अपील पर उन्होंने भूख हड़ताल खत्म कर दी.
लेकिन जब इतनी कोशिशों के बाद भी सड़क निर्माण का काम शुरू नहीं हुआ, तो सपा विधायक ने अपने समर्थकों के साथ खुद ही सड़क पर श्रमदान शुरू कर दिया. सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने कहा, मैंने सड़क के लिए अनशन किया. राष्ट्रीय अध्यक्ष के कहने पर मैंने अनशन तोड़ा. लेकिन प्रशासन ने सड़क को लेकर कोई कदम नहीं उठाया.
इलाके में तनाव की स्थिति
वहीं, जब पुलिस को भनक लगी कि विधायक समर्थकों के साथ सड़क की मरम्मत के काम में जुट गए हैं. तो वहां कई थानों की पुलिस पहुंच गई और विधायक को अपने साथ बैठाकर ले गई. वहीं, स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके बाद भारी पुलिसबल तैनात कर दिया गया है.