मवाना न्यूज़: श्रम विभाग के अधिकारियों के निर्देश व्यापारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। मवाना को बुधवार को होने वाली साप्ताहिक बंदी के बाद व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को खोलकर ग्राहकों को सामान की बिक्री कर नियमों की खुलकर धज्जियां उड़ाई। बता दें कि साप्ताहिक बंदी से एक दिन पहले मंगलवार को पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देश पर नगर में लाउडस्पीकर के माध्यम से बुधवार को बाजार बंद रखने के लिए मुनादी कराई थी, लेकिन कुछ व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद रखा तो वही कई व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को खोलकर ग्राहकों को सामान की बिक्री करने में जुटे दिखाई दिए। मवाना में साप्ताहिक बंदी का मखोल खुलकर उड़ाया गया। नगर में स्थित व्यापार संगठन ने बुधवार को साप्ताहिक बंदी का भरोसा दिलाते हुए बजार बंद रखने का ऐलान कर लिखित में श्रम विभाग के अधिकारियों को दे रखा है, लेकिन उसका असर कम देखने को मिल रहा है। मंगलवार को मुनादी कराए जाने के बाद भी बुधवार को नगर में जगह-जगह व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों को खोलकर बैठे रहे तो वहीं बिक्री करने में पीछे नही रहे।
व्यापारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए अधिकारियों ने कार्रवाई करने की बात कही है। एक तरफ पुलिस ने सड़क किनारे फुटपाथ पर ठेली खोमचे लगाकर खडेÞ छोटे दुकानदारों को फटकार लगाते हुए दुकानों को बंद करने के आदेश देते हुए दिखाई दिये। खुलेआम सुभाष चौक, गोल मार्केट, दयानंद बाजार, मुन्नालाल बाजार आदि बड़े दुकानदारों को पुलिस ने टोकना तो दूर की बात है उनके पास जाकर नियमों का पालन करने का पाठ भी नहीं पढ़ाया गया। इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर में जगह-जगह प्रतिष्ठानों को खोलकर बैठे व्यापारियों को श्रम विभाग के अधिकारियों के निर्देश कोई मायने नहीं रखते हैं। साप्ताहिक बंदी के बाद भी नगरपालिका क्षेत्र में व्यापारी अपने प्रतिष्ठानों पर ग्राहकों को सामान की बिक्री करने में मशगूल नजर आए।
श्रम विभाग के अधिकारियों के निर्देश साप्ताहिक बंदी को लेकर बेईमान साबित हो गये हैं। एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि बुधवार को साप्ताहिक बंदी पूर्णतया बंद रखने के आदेश है, लेकिन जिस भी व्यापारी ने मुनादी कराए जाने के बाद अपने प्रतिष्ठानों को खोलकर बैठे रहे हैं। उनकी वीडियो एवं फुटेज के आधार पर श्रम विभाग द्वारा जुर्माना अदा कराया जाएगा।