जल संरक्षण: यूपी को मिला सर्वश्रेष्ठ राज्य का दर्जा, यह दो राज्य रहे दूसरे नंबर पर
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2020 के लिए जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का दर्जा दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2020 के लिए जल संरक्षण के प्रयासों में उत्तर प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ राज्य का दर्जा दिया गया है। जल शक्ति मंत्रालय ने जल संरक्षण की दिशा में कार्यों और प्रयासों के लिए राजस्थान और तमिलनाडु को दूसरे और तीसरे स्थान से सम्मानित किया। जल शक्ति मंत्री ने 2020 के राष्ट्रीय जल पुरस्कारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश को अपनी कृषि, सिंचाई, औद्योगिक और घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर साल 1,000 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की जरूरत है।
शेखावत ने कहा कि पानी का उपयोग बढ़ रहा है लेकिन इसकी उपलब्धता कम हो रही है। बारिश के पैटर्न बदल रहे हैं। 2050 तक पानी की मांग 1,000 बिलियन क्यूबिक मीटर से बढ़कर 1400-1500 बिलियन क्यूबिक मीटर हो जाएगी। इसलिए हमें सकारात्मक रवैया अपनाकर और प्रभावी कदम उठाकर एक साथ आगे बढ़ना चाहिए।
मुजफ्फरनगर को उत्तरी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ जिला का पुरस्कार
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर को उत्तरी क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ जिला का पुरस्कार मिला, उसके बाद पंजाब में शहीद भगत सिंह नगर को दूसरा पुरस्कार मिला। दक्षिण में केरल में तिरुवनंतपुरम को सर्वश्रेष्ठ जिले का पुरस्कार दिया गया और उसके बाद आंध्र प्रदेश में कडप्पा को यह पुरस्कार मिला।
पूर्वी चंपारण को पूर्वी क्षेत्र में पहला स्थान मिला
बिहार में पूर्वी चंपारण और झारखंड में गोड्डा को पूर्वी क्षेत्र के जिलों में पहला और दूसरा स्थान दिया गया, जबकि मध्य प्रदेश में इंदौर को पश्चिमी क्षेत्र में पहला स्थान मिला। गुजरात के वडोदरा और राजस्थान के बांसवाड़ा ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान हासिल किया। उत्तर पूर्व क्षेत्र में असम में गोलपारा और अरुणाचल प्रदेश में सियांग को उनके जल संरक्षण प्रयासों के लिए मान्यता दी गई थी।