21 जिलों का भ्रमण कर वापस लौटी विवेकानंद संदेश यात्रा

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Update: 2023-01-24 12:20 GMT
लखनऊ। आज़ादी के 75वें अमृत महोत्सव के अंर्तगत और संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से तथा विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी के 50 वर्ष पूर्ण होने पर स्वामी जी के संदेशों को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से विवेकानंद संदेश यात्रा उत्तर प्रदेश का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी के जयंती 12 जनवरी 2023 से लखनऊ से शुरू होकर 21 जिलों,7 मंडलों से गुजरती हुई नेता जी सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर 23 जनवरी आज लखनऊ पहुंची। लखनऊ पहुंचने पर लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में यात्रा के कर्मवीर यात्रियों का भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक रहे और कार्यक्रम का संचालन प्रो शीला मिश्रा ने किया। अध्यक्षता मेजर जनरल ए के चतुर्वेदी, हनुमंत राव राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी विशिष्ट अतिथि, प्रान्त संचालक दयानंद लाल जी यात्रा प्रमुख, भानु प्रताप सिंह यात्रा संयोजक, कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ।
श्री भानु प्रताप सिंह जी ने अपने उद्बोधन में पूरी यात्रा प्रारम्भ और पूर्ण होने तक के प्रगति पर प्रकाश डालते हुए यात्रा में शामिल सभी यात्रियों का स्वागत एवं बधाई दी। मा उप मुख्यमंत्री श्री बृजेश पाठक जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने अपने अध्यात्मिक शक्तियों के बल पर विपरीत परिस्थितियों में भी भारत को पूरे विश्व में एक पहचान दी। भारत की गौरवशाली संस्कृति की रक्षा मे हमारे प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी का भी बड़ा योगदान है। कोविड महामारी मे भारत की ताक़त का जिक्र करते हुए सभी को शुभ कामनाएं दी। हनुमंत राव राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन दो प्रकार का होता है, सफल जीवन और सार्थक जीवन, सार्थकता जीवन का परम लक्ष्य होना चाहिए, स्वामी विवेकानंद जी के सन्देश मे चार खंभे हैं ये चार दिव्य गुण हैं निरहंकार, निर्ममता, त्याग, सेवा जो भी इन चार बिंदु को अपनाएगा उसका जीवन सार्थक बन जायेगा।
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