कानपूर: जनपद के सर्वाधिक पिछड़े ब्लाक मड़ावरा में जंगलों के आस पास बसे गांवों में अब सूर्यास्त के बाद दीपक नहीं जलाने पड़ते बल्कि ग्रामीण स्विच आन करके सोलर प्लांट की ग्रीन एनर्जी से अपने घरों को दूधिया रोशनी से रोशन करते हैं.
दरअसल, वित्तीय वर्ष 2015-16 में विकास खंड मड़ावरा स्थित ग्राम पंचायत वनगुवां के 04 मजरों वनगुवां, बानई, हीरापुर, पापड़ा व ग्राम पंचायत लखंजर में सोलर पावर प्लान्ट मिनी ग्रिड स्थापित किया गया था. कुछ दिनों तक इसका लाभ ग्रामीणों को मिलता रहा लेकिन गुजरते समय के साथ देखरेख के अभाव में यह सिस्टम खराब हो गया बीते माहों ने जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने इन जंगली क्षेत्रों का निरीक्षण किया और गांवों में खराब पड़े सोलर प्लांटों को दुरुस्त कराने का निर्णय लिया. ललितपुर पावर जनरेशन कंपनी के सीएसआर व खनिज न्यास से धनराशि के इंतजाम को प्रयास किए गए. डीएम के प्रस्ताव पर कंपनी चेयरमैन कुशाग्र नयन बजाज ने सीएसआर से 60 लाख रुपये स्वीकृत किए. वनगुवां में स्थापित 15 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट मिनी ग्रिड की मरम्मत कराकर उसके क्रियाशील बनाया गया. फिर इस गांव के 70 घर रोशन किए गए. 20 स्ट्रीट लाइटों से गांव की गलियां रात में जगमगाने लगी हैं. ग्राम पंचायत कुर्रट के राजस्व ग्राम लखंजर में स्थापित 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट मिनी ग्रिड की मरम्मत करके यहां के 160 घरों को विद्युत सुविधा मिलने लगी है.
इस गांव में 25 स्ट्रीट लाइटें भी लगायी गयी. बारई में 15 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट मिनी ग्रिड की मरम्मत करवाकर 65 घरों में बिजली व्यवस्था सुनिश्चित कराई. इस मजरे के प्रमुख स्थानों पर 15 स्ट्रीट लाइट भी लगायी गयी. वहीं खनिज न्यास के 10 लाख से पापड़ा व हीरापुर को रोशन किया गया. पापड़ा गांव में स्थापित 05 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लान्ट की मरम्मत करवाकर 25 घर रोशन किए गए. गांव में 07 स्ट्रीट लाइट भी लगायी गयी. वहीं हीरापुर में 05 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर को दुरुस्त करके 22 घरों को विद्युत आपूर्ति दी गयी. 06 स्ट्रीट लाइटों से गलियां रोशन हैं.
बल्व और पंखे का इस्तेमाल ललितपुर. जंगल क्षेत्र से सटे इन गांवों में प्रत्येक घर को बल्व व पंखा इस्तेमाल करने की अनुमति दी गयी है. गांव के पढ़े लिखे व्यक्ति समय-समय पर सोलर पावर सिस्टम की देखरेख करेंगे .