ग्रामीणों का आरोप मझरा गांव में नहीं पहुंची सरकारी इमदाद, खाद्यान्न भी नहीं बंटा
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बहराइच। मझरा गांव के कई मजरे नदी की धारा में कट गए हैं। लेकिन आर्थिक सहायता तो दूर ग्रामीणों को खाद्यान्न तक नहीं वितरित किया गया है। इससे अधिकारियों की संवेदनशीलता को जान सकते हैं। कटान पीड़ित कहीं सड़क तो कहीं बांध पर फूस और पन्नी की झोपड़ी में रहने को विवश हैं। मोतीपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत मझरा का नमो निशान घाघरा नदी मिटा रही है। प्रतिदिन लोगों के मकान नदी में गिर रहे हैं। लेकिन अधिकारियों की नजर में सबकुछ सही दिख रहा है। लेकिन कटान पीड़ितों का दर्द जानने कोई नहीं पहुंच रहा है। कटान पीड़ित खानाबदोश की तरह जीवन काट रहे हैं। मंगलवार को भी मेवालाल पुरवा और बनियन पुरवा गांव में सात लोगों के मकान कट गए। प्राथमिक विद्यालय कटने की कगार पर पहुंच गया है।
ग्रामीण अपना दुखड़ा ग्राम प्रधान के साथ अधिकारियों को फोन पर बता रहे हैं। लेकिन बाढ़ और कटान पीड़ितों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। कटान पीड़ित ग्रामीण सड़क और घाघरा नदी के बंधे पर जीवन काट रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि बाढ़ आपदा के तहत अभी तक उन्हें खाद्यान्न भी नहीं मिला है। किसी तरह सभी जीवन काट रहे हैं। वहीं घाघरा नदी की धारा बचे आशियानों को भी काटने में लगी हुई है। लेकिन गांव के लोग जाए भी तो कहां।। यही सोचकर सभी अपने मकान को तोड़कर बची सामग्री ही सुरक्षित करने में लगे हैं। गांव निवासी राम खेलावन, तीरथ राम, लल्लू आदि ने बताया कि तहसील और जिला प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं की जा रही है।