मुजफ्फरनगर। जानसठ तहसील के कमरा नंबर 9 में लेखपाल का जांच के नाम पर खुलेआम रिश्वत लेते वीडियो वायरल हुआ है, जिसको लेकर पीड़ित पक्ष ने एसडीएम को शिकायत पत्र दिया है। एसडीएम सुबोध कुमार ने नायब तहसीलदार को जांच सौंपी और देर शाम सस्पेंड कर दिया है।
समाज कल्याण विभाग के माध्यम से लेखपाल विपिन ठाकुर को जाति प्रमाण पत्र की जांच हेतु भेजा गया था, तहसील जानसठ में लेखपाल विपिन ठाकुर जांच के नाम पर खुलेआम रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हो रहा है । एक तरफ जहां योगी सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए दिन प्रतिदिन नए नए प्रयास कर रही है, तो वहीं आए दिन सरकारी कर्मचारियों के घूसखोरी के शिकायत और वीडियो की वजह से सरकार को जमकर फजीहत भी झेलनी पड़ती है। सरकारी कर्मचारियों के अन्दर सरकार का जरा भी डर नही बचा हुआ है, जिसका जीता जागता उदाहरण जानसठ तहसील मे देखा जा सकता है। यह वीडियों दो दिन पुरानी बताई जा रही है। पीडि़त पक्ष ने बताया कि लेखपाल विपिन बिना घुस लिए रिपोर्ट नहीं भेज रहा था, पीडि़त लेखपाल को 2000 पहले भी दे चुका, दोबारा फिर जांच के नाम पर 1000 लिए है।
लेखपाल विपिन ठाकुर अभी भी जांच भेजने के नाम पर कुछ पैसे लेना चाहता था और विपिन ठाकुर ने पीडि़त को फोन कर तहसील जानसठ की कमरा नंबर 9 में बुलाया, जहां पर विपिन ठाकुर तथा उसका एक अन्य साथी मनोज भी मौजूद था, जिसमें जांच के नाम पर फिर से रुपए ले लिए, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पीडि़त पक्ष की ओर से तहसील जानसठ एसडीएम को लिखित शिकायती पत्र देते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई थीं। एसडीएम जानसठ द्वारा इस मामले की जांच नायब तहसीलदार को सौंपी गई है। सरकार को बदनाम करने वाले लेखपाल विपिन ठाकुर को देर शाम सस्पेंड कर दिया गया है।