गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 2.0 सरकार में भी बदमाशों को उन्हीं की भाषा में जवाब देते हुए पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में शनिवार को गोरखपुर पुलिस ने आतंक का पर्याय बन चुके एक पशु तस्कर को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। जिले में मुख्यमंत्री के दूसरे कार्यकाल में यह पहली मुठभेड़ है जिसमें जौनपुर के बदमाश इमरान पुत्र नूर मोहम्मद को पैर में गोली मार कर गिरफ्तार किया गया।
वहीं सीएम योगी के पहले कार्यकाल में गोरखपुर पुलिस ने 121 मुठभेड़ को अंजाम दिया था। इसमें तीन बदमाशों को मार गिराया था जबकि 17 बदमाशों के पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया था। जिले की पुलिस ने शाहपुर निवासी विपिन सिंह, अंबेडकर नगर निवासी परवेज और गगहा निवासी विजय प्रजापति को मार गिराया था। वहीं बस्ती पुलिस ने गगहा निवासी प्रदीप पांडेय और महाराष्ट्र निवासी फिरोज पठान उर्फ इरफान खान उर्फ हीरू को ढेर किया था। बहराइच पुलिस ने गुलरिहा निवासी पन्नेलाल यादव उर्फ डॉक्टर को मार गिराया था।
जिले में अंतिम मुठभेड़ मनीष हत्याकांड से पहले हुई थी। 10 सितंबर 2021 गगहा के काजल हत्याकांड के आरोपित इनामी बदमाश विजय प्रजापति को पुलिस ने मार गिराया था। 27 सितंबर 2021 की रात रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के कृष्णा होटल में पुलिस की पिटाई से कानपुर के कारोबारी मनीष की मौत हो गई। जिसमें थानेदार जेएन सिंह समेत कई पुलिसकर्मी जेल गए। उसके बाद जिले में कोई मुठभेड़ नहीं हुई। अब सात महीने बाद शनिवार को एक बार पुलिस ने मुठभेड़ में पशु तस्कर इमरान के पैर में गोली मारी है।
मनीष हत्याकांड से पहले रामगढ़ताल पुलिस ने नौकायन के पास मुठभेड़ में मंझरिया निवासी अमित को पैर में गोली मारी थी। उस पर 27 मुकदमे थे। खोराबार पुलिस ने इनामी बदमाश मनीष यादव व संदीप को पैर में गोली मारकर पकड़ा था। 16 जुलाई 2021 को शाहपुर के लल्ला चौराहे के पास मुठभेड़ में बदमाश सूरज साहनी के पैर में गोली लगी थी। 26 जुलाई 2021 को खोराबार के रामनगर कड़जहां फोरलेन पर गैंगस्टर और हत्यारोपी धर्मदेव यादव को पैर में गोली लगी थी। हिस्ट्रीशीटर प्रिंस पांडेय उर्फ प्रतीक को भी पुलिस ने पैर में गोली मारकर पकड़ा था। बदमाश सिकंदर, गौरव यादव, संतोष यादव और चंदन चौहान के भी पैर में गोली लगी थी।