Varanasi: फार्मेसी कॉलेज प्रबंधक के दो और बैंक खातों का पता चला

पुलिस को कॉलेज प्रबंधक के दो और बैंक खातों के बारे में जानकारी हुई

Update: 2024-08-31 06:52 GMT

वाराणसी: फार्मेसी की फर्जी डिग्रियां देने के मामले की तह तक पहुंचने के लिए पुलिस टीम जल्द ही राजस्थान के सिंघानिया विश्वविद्यालय जाएगी. छानबीन के दौरान पुलिस को कॉलेज प्रबंधक के दो और बैंक खातों के बारे में जानकारी हुई.

संग्रामगढ़ के मनगढ़ में गेटवे कॉलेज ऑफ फार्मेसी एंड मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के नाम पर वसूली करने और फर्जी डिग्रियां देने के मामले में पुलिस ने प्रबंधक आशीष यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. उसके पास से भारी मात्रा में रसीदें व अन्य अभिलेख बरामद करने के साथ ही उसके बैंक खाते में जमा 9.60 लाख रुपये पुलिस ने सीज करा दिया है. उस पर प्रतापगढ़ और प्रयागराज के करीब 300 छात्रों से फीस वसूलने का आरोप है. पुलिस को अभिलेख की छानबीन के दौरान एचडीएफसी में दो और बैंक खातों का पता चला. बैंक बंद होने के कारण पुलिस उसके खातों में जमा रकम के बारे में जानकारी नहीं कर सकी. पुलिस आशीष यादव के यहां से बरामद सिंघानिया विश्वविद्यालय के अभिलेखों की सच्चाई जानने वहां जाएगी.उसके खिलाफ गैंगस्टर लगाने की तैयारी की जा रही है.

हथिगवां में दर्ज हुई एक और एफआईआर प्रतापगढ़. हथिगवां थाना क्षेत्र के रसूलपुर निंदूरा निवासी छात्र मो. सऊद ने फर्जी डिग्री देने के मामले में फार्मेसी कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज कराया. मो. सऊद के अनुसार उसने 2021-22 में डी फार्मा का कोर्स करने के लिए गेट वे फार्मेसी पैरामेडिकल कालेज मीरापुर लोकैयापुर को सही संस्थान मानकर प्रवेश लिया था. अवधि पूरी होने के बाद कालेज के प्रबंधक आशीष यादव ने उसको आश्वासन दिया कि कॉलेज पूरी तरह से मान्यता प्राप्त यूजीसी मानक पर है. बाद में जो प्रमाण पत्र विद्यालय प्रबंधक की ओर से दिया गया था वह सिंधानिया यूनिवर्सिटी राजस्थान का बताया गया. इस मामले में बार-बार प्रबंधक से बात करने पर मारने-पीटने की धमकी दी गई. 29 जुलाई को अन्य छात्रों के साथ वह ऑफिस गया तो वहां पर प्राइवेट बाउंसर ने उसे पीटा था.

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