Varanasi: काशी विद्यापीठ में रुपेश पांडेय को श्रद्धांजलि दी गई
विविध सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के नेताओं, पत्रकारों और विचारकों ने उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की।
वाराणसी: काशी विद्यापीठ के केंद्रीय पुस्तकालय सभागार में सोमवार को प्रबोधिनी फाउंडेशन और प्रबुद्धजन काशी के तत्वावधान में बहुमुखी प्रतिभा के धनी राष्ट्र पुरुष रुपेश पांडेय को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस श्रद्धांजलि सभा में विविध सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के नेताओं, पत्रकारों और विचारकों ने उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त की।
मुख्य अतिथि के तौर पर अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पी.के. मिश्रा ने रुपेश पांडेय को आजादी बचाओ आंदोलन का नायक बताया। उन्होंने कहा कि रुपेश जी ने समाज के हर वर्ग को आंदोलन से जोड़ा और एक अडिग योद्धा की भूमिका निभाई। उनके निधन को समाज के लिए अपूरणीय क्षति बताते हुए उन्होंने कहा कि उनका हर विचारधारा के लोगों से आत्मीय लगाव था, जिसके कारण सभी दलों और वर्गों में उनका सम्मान था।
पूर्व पुलिस महानिदेशक (भ्रष्टाचार निवारण) आर.एन. सिंह ने कहा कि रुपेश पांडेय का जीवन और विचार एकरूपता के उदाहरण थे। वे महात्मा गांधी के अनुयायी ही नहीं, उनके विचारों के उपासक भी थे। उन्होंने स्वदेशी का प्रचार और समाज को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सभा की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रो. नागेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि रुपेश पांडेय असाधारण प्रतिभा के धनी थे। वे गांधी विचारधारा के प्रचारक थे और अन्ना आंदोलन, पर्यावरण संरक्षण, भारत स्वाभिमान, गोरक्षा और काले धन के विरोध जैसे आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल रहे।
सभा में प्रबुद्धजन काशी के अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह गौतम, प्रबोधिनी फाउंडेशन के महासचिव विनय शंकर राय "मुन्ना", सर्वसेवा संघ के अध्यक्ष रामधीरज, और कई अन्य वक्ताओं ने रुपेश पांडेय के योगदान और उनके विचारों पर चर्चा की।
वक्ताओं ने कहा कि रुपेश पांडेय ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और गांधीवादी विचारों को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनके प्रयास समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणा स्रोत थे।
कार्यक्रम में राजनीतिक, सामाजिक और शैक्षिक जगत की कई हस्तियां उपस्थित रहीं, जिनमें एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडेय, राष्ट्रीय स्वाभिमान आंदोलन के बृजेश सिंह, अधिवक्ता प्रथमेश पांडेय, पत्रकार ए.के. लारी, संतोष बिहारी लाल, गिरजानंद चौबे, और अन्य गणमान्य लोग शामिल थे।