Varanasi: आईआईटी बीएचयू को इसरो से छह नए प्रोजेक्ट मिले
"इसरो से संबंधित 10 प्रोजेक्ट पर काम पहले से जारी"
वाराणसी: आईआईटी बीएचयू को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) से छह नए प्रोजेक्ट मिले हैं. देश के अलग-अलग रीजनल एकेडमिक सेंटर फॉर स्पेस को इसरो ने आठ प्रोजेक्ट दिए हैं. इसमें अकेले आईआईटी बीएचयू को छह मिले हैं. यहां इसरो से संबंधित 10 प्रोजेक्ट पर काम पहले से जारी है.
इसरो ने नई संभावनाओं की तलाश में देश के विश्वविद्यालयों और तकनीकी संस्थाओं में एकेडमिक सेंटर खोले हैं. आईआईटी बीएचयू में भी इसरो का सेंटर हैं. इस बार आईआईटी को मिले छह प्रोजेक्ट में जाइंट मैग्नेटोरेसिस्टेंस (जीएमआर) सेंसर्स फॉर स्पेस एप्लिकेशन्स भी है. जीएमआर सेंसर्स का उपयोग सौर विकिरण और कणों के प्रभाव को मापने के लिए किया जाता है. ये सेंसर्स स्पेस में अंतरिक्ष मौसम की स्थिति का पता लगाने में मदद करते हैं. आईआईटी इसमें नई संभावनाओं की तलाश करेगा. इस सेंसर के आकार और क्षमता में वृद्धि करने पर काम किया जाएगा.
दूसरा प्रोजेक्ट मेटाबोलिक बायोमार्कर्स ऐज प्रेडिक्टिव रिस्पॉन्स टु रेडिएशन एक्सपोजर है. अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में उच्च स्तर के विकिरण का सामना करना पड़ता है. मेटाबोलिक बायोमार्कर्स का उपयोग अंतरिक्ष में किसी व्यक्ति को विकिरण के प्रभाव से पहले या बाद में कौन से जैविक परिवर्तन हो रहे हैं, इसका पता लगाने में किया जाता है. ताकि अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस प्रोजेक्ट को और एडवांस बनाने पर आईआईटी में काम होगा.
इसी तरह एलगोरिदम्स फॉर इमेज डीनॉयजिंग एंड एन्हांसमेंट, अंडर-स्टैंडिंग एंड प्रेडिक्टिंग द इमर्जेन्सेस ऑफ सोलर एक्टिव रीजनस एंड फोरकास्टिंग देयर इम्पैक्ट्स ऑन स्पेस वेदर प्रोजेक्ट आईआईटी को मिले हैं.
2020 में साइन हुआ था एमओयू
आईआईटी बीएचयू में रीजनल एकेडमिक सेंटर के लिए 2020 में एमओयू हुआ था. इस सेंटर में रिसर्च के साथ ही बीटेक, एमटेक के छात्रों के अध्ययन की भी सुविधा हैं. वहीं इसरो से मिले प्रोजेक्ट में शोधार्थियों को भी शामिल किया जाता है.