Varanasi: समय से जानकारी न होने से गंभीर रूप ले रहा पित्ताशय का कैंसर
जांच में मिल रहा कैंसर
वाराणसी: पथरी के उपचार में लापरवाही कतई न बरतें. विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लें. बीएचयू के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में जांच के दौरान पथरी के कई मरीजों में कैंसर की पुष्टि हुई है. देर से जानकारी होने के कारण कैंसर खतरनाक स्टेज पर पहुंच जाता है. डॉक्टरों का कहना कि अगर पहले स्टेज पर ही कैंसर का पता लग जाए तो मरीज को बचाया जा सकता है.
बीएचयू के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में रोजाना 150 से अधिक कैंसर के मरीज पहुंचते हैं. इसमें 45 से 50 पित्ताशय कैंसर से ग्रस्त हैं. पिछले एक महीने में 1350 पित्ताशय कैंसर के मरीज विभाग में पहुंचे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक इसमें आधे से ज्यादा कैंसर के तीसरे और चौथे स्टेज पर पहुंच चुके हैं.
मरीजों की केस हिस्ट्री के अध्ययन से पता चलता है कि पित्त की थैली में पथरी के संदेह में इलाज चल रहा था, जांच में कैंसर की पुष्टि हुई. आईएमएस बीएचयू की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. मल्लिका तिवारी ने कहा कि उत्तर भारत में पित्ताशय कैंसर रोगी ज्यादा है. पित्ताशय कैंसर मरीज पथरी समझकर लोग इलाज कराते हैं. सर्जरी के दौरान पर्याप्त सावधानी के अभाव में कैंसर तेजी से फैल जाता है. उन्होंने कहा कि समय से कैंसर का पता चल जाने पर मरीज की जान बचाई जा सकती है.
पित्ताशय कैंसर के लक्षण
● पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द या असहजता
● भूख और वजन में कमी आना
● उल्टी या जी मिचलाना
● आंखों और त्वचा का पीला पड़ना (पीलिया)
● पेट में सूजन या गांठ महसूस होना
पित्ताशय कैंसर के कारण
● मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर
● परिवार में गॉलब्लैडर कैंसर की हिस्ट्री
● पित्ताशय में संक्रमण
● सरसो या रिफायन तेल को बार-बार गर्म कर उसमें तले पदार्थ खाने से
ऐसे करें बचाव
● पौष्टिक आहार लें, जिसमें फाइबर अधिक और वसा कम हो
● वजन को नियंत्रित रखें और नियमित व्यायाम करें
● धूम्रपान और अल्कोहल से दूर रहें
● पेट दर्द या पीलिया के लक्षणों को नजरअंदाज न करें