Varanasi: गंगा पर छह स्थानों पर ऑटोमेटिक पीपा पुल बनाए जाएंगे
"कैथी में गंगा पर बनेगा ऑटोमेटिक पीपा पुल"
वाराणसी: पूर्वांचल में गंगा पर छह स्थानों पर ऑटोमेटिक पीपा पुल बनाए जाएंगे. इनमें से दो बलिया, तीन गाजीपुर और एक वाराणसी के कैथी में होगा. इसका निर्माण प्रदेश सरकार और भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के समन्वय से होगा. इनके स्थापित होने से जल परिवहन की राह आसान हो जाएगी. नदी में जहाजों के आने पर यह पुल स्वत खुल जाएगा जिससे जहाज को रास्ता मिलेगा.
प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री तथा उत्तर प्रदेश जल विकास प्राधिकरण के चेयरमैन दयाशंकर सिंह ने बताया कि बलिया के नौरंगा और श्रीरामपुर (माल्देपुर), गाजीपुर के गहमर, सेमरा और चोचकपुर तथा वाराणसी के कैथी में इनका निर्माण होगा. बताया कि दो वर्ष तक पीपा पुल के रखरखाव की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी. उसके बाद इसे उत्तर प्रदेश सरकार को हैंडओवर कर दिया जाएगा.
यह स्वचालित पीपा पुल सेल्फ प्रोपेल्ड पांटून (एसपीपी) सिस्टम पर काम करेगा. किसी बड़े जलयान के गुजरने के दौरान पुल के बीच का हिस्सा खुद-ब-खुद हट जाएगा. जलयान के गुजरने के बाद वह फिर अपने स्थान पर आ जाएगा. अभी जलयान के आने पर जगह-जगह पीपा पुलों की वजह से बाधा आती है. पुल के खोलने, फिर तैयार करने में काफी वक्त लगता है. फिलहाल किसी लोकेशन पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसका निर्माण होगा.
जल परिवहन पर सरकार का जोर आबादी के साथ वाहनों की सड़कों पर बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार का जल परिवहन पर जोर है. इसी के मद्देनजर बीते दिनों जलमार्ग से हल्दिया तक सामानों के परिवहन की शुरूआत की गई है. कई अन्य योजनाएं भी पाइप लाइन में हैं.
ऑटोमेटिक पीपा पुल से जल यातायात आसान होगा. बड़े जलयानों के गुजरते समय पुलों को खोलने और दोबारा बनाने से मुक्ति मिल जाएगी. जल परिवहन से पूर्वांचल के जिलों का कारोबार भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे.
दयाशंकर सिंह, परिवहन मंत्री
प्रसंगवश वर्षों कामयाब रहा रामनगर पीपा पुल
वाराणसी को रामनगर को जोड़ने में सामने घाट पर बना पीपा पुल वर्षों तक कामयाब रहा. 15 जून 2017 में वह इतिहास बन गया. पुरनिए बताते हैं कि रामनगर पीपा पुल के नाम से विख्यात इस पुल ने 50 साल तक लोगों को गंगा पार कराया. 15 जून से 15 अक्तूबर तक यह हटा लिया जाता था.