Varanasi: एंटी करप्शन टीम ने घूस लेते वीडीए बाबू को गिरफ्तार किया
अधिवक्ता ने की थी शिकायत
वाराणसी: वाराणसी की एंटी करप्शन टीम ने कचहरी के निकट स्थित वाराणसी विकास प्राधिकरण के संपत्ति विभाग के कनिष्ठ लिपिक रविशंकर को पांच हजार रुपये घूस लेते पकड़ लिया. आरोपी के खिलाफ कैंट थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया. वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने आरोपी बाबू को निलंबित कर दिया है.
शास्त्रत्त्ीनगर (सिगरा) निवासी अधिवक्ता शिवकुमार सिन्हा ने एंटी करप्शन इकाई में शिकायत की थी. बताया कि फ्लैट पर उनका नाम दर्ज करने के एवज में बाबू 50 हजार रुपये मांग रहा है. चार साल से आवेदन लटकाए है. शिकायत के आधार पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाया. शिकायतकर्ता ने रसायन लगे 5 हजार रुपये जैसे ही बाबू को कार्यालय में सौंपा, टीम ने उसे दबोच लिया. गिरफ्तारी होते ही दफ्तर में हड़कंप मच गया. रविशंकर को गिरफ्तार कर कैंट थाने लाया गया और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. आरोपी मूलरूप से प्रयागराज के बिगहिया (घूरपुर) का निवासी है. उसकी नियुक्ति फरवरी 2008 में हुई थी.
गिरफ्तारी करने वाली टीम में इंस्पेक्टर राजेश कुमार यादव, नीरज कुमार सिंह, रमाशंकर यादव, मुख्य आरक्षी शैलेंद्र कुमार राय, अश्विनी पांडेय, आरक्षी अजीत सिंह, अजय कुमार यादव, आशीष शुक्ला, वीरेंद्र प्रताप सिंह, सूरज गुप्ता, विनय कुमार आदि थे.
अपर सचिव को सौंपी गई विभागीय जांच: वीडीए क्लर्क रविशंकर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप की विभागीय जांच अपर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा करेंगे. उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने इसके निर्देश दिये हैं. उधर, वीडीए प्रशासन का कहना है कि शास्त्रत्त्ी नगर योजना के जिस आवास संख्या एल 10/138 के नामांतरण का मामला है उसका आवेदन 4 जनवरी 2020 को निरस्त हो गया था. यह भवन शिकायतकर्ता की बुआ नन्द किशोरी को आवंटित था. उनकी मृत्यु के बाद उन्होंने स्वयं को वारिस साबित करने का प्रयास किया पर कोर्ट ने रद्द कर दिया था. वीडीए में नामांतरण का जो ऑनलाइन आवेदन किया गया, उसमें निरस्त होने का आदेश छिपाया गया था. हालांकि यह आवेदन भी 19 सितंबर 2020 को निरस्त कर दिया गया था.