उत्तर-प्रदेश: अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से दो मरीजों ने तोड़ा दम, पढ़े पूरी वारदात

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Update: 2022-06-30 09:25 GMT
जिला अस्पताल में मंगलवार रात बिजली गुल होने से वार्ड में ऑक्सीजन की सप्लाई ठप हो गई। इस दौरान ऑक्सीजन न मिलने से दो मरीजों ने दम तोड़ दिया। इनमें से एक मरीज को कंसंट्रेटर की मदद से ऑक्सीजन दी जा रही थी। करीब पांच घंटे तक वार्डों में भर्ती मरीज तड़पते रहे।
उधर, मामले की जानकारी मिलते ही बुधवार को डीएम माला श्रीवास्तव ने अधिकारियों के साथ जिला अस्पताल पहुंच कर मामले की जांच की। जांच में एक मरीज को ऑक्सीजन लगाने के लिए चिकित्सक की ओर से सलाह दिए जाने की पुष्टि हुई है। जांच में सीएमएस नीता साहू की लापरवाही प्रकाश में आने के बाद डीएम ने उनके खिलाफ कार्रवाई और उच्च स्तरीय जांच के लिए शासन से संस्तुति कर दी है।
जिला अस्पताल में मंगलवार को पूरे गौतमन भदोखर निवासी गुप्तार सिंह (72) और अमेठी जिले के फुरसतगंज निवासी रामफेर (50) को भर्ती कराया गया था। मंगलवार रात पांच घंटे से अधिक समय तक अस्पताल में बिजली गुल रही।
अस्पताल प्रशासन ने जेनरेटर तक नहीं चलाया। रातभर मरीज गर्मी में बेहाल रहे। मोबाइल और टार्च की रोशनी के सहारे वार्डों में रोगियों ने रात काटी। इसी दौरान ऑक्सीजन की सप्लाई बाधित होने से दो मरीजों की मौत हो गई।
मामले ने तूल पकड़ा तो बुधवार सुबह डीएम ने जिला जिला अस्पताल पहुंचकर जांच की। साथ ही सीएमओ व सिटी मजिस्ट्रेट सेे अलग-अलग जांच रिपोर्ट तलब की।
मरीज को कंसंट्रेटर पर रखा, बिजली जाते ही ऑक्सीजन बंद
जिला अस्पताल में भर्ती गुप्तार सिंह को चिकित्सक ने ऑक्सीजन लगाने की सलाह दी थी। मरीज को कंसंट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन देने का प्रयास किया गया। जब तक अस्पताल में बिजली थी, तब तक कंसंट्रेटर से मरीज को ऑक्सीजन मिली, लेकिन बिजली जाते ही कंसंट्रेटर से ऑक्सीजन मिलनी बंद हो गई। इस वजह से मरीज ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया। स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने सिलेंडर या अन्य साधनों से मरीज को ऑक्सीजन उपलब्ध कराना उचित नहीं समझा।
जांच में स्टाफ ने भी सीएमएस पर जड़े आरोप
जांच के दौरान जिला अस्पताल के स्टाफ ने भी अपने बयान में सीएमएस पर कई आरोप जड़े। अभद्र भाषा के प्रयोग के साथ ही मनमाने तरीके से काम करने के आरोप लगाए। जांच के दौरान कई मरीजों ने भी सीएमएस के खिलाफ बयान दिए।
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