उत्तर-प्रदेश: किशोरी ने बिना शादी के दिया बच्चे को जन्म, मां ने कराया प्रसव और फेंक दिया, एक गलती से खुला राज
पढ़े पूरी वारदात
इज्जतनगर में रहपुरा चौधरी के पास तीन दिन पहले बोरे में एक नवजात मिला था, उसे कीड़े कुतर रहे थे। इलाज के लिए चाइल्डलाइन ने उसे निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। जांच में सामने आया कि नाबालिग बेटी के बिन ब्याहे मां बनने पर परिजन ने बच्चे को फेंककर बेटी की प्रेमी से शादी करा दी। अब यह मामला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के समक्ष विचाराधीन है। इफ्तेखार नाम के युवक ने तीन दिन पहले इस बच्चे को सड़क किनारे पड़ा देखकर निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। मामला चाइल्डलाइन की जानकारी में आया तो मंगलवार को उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराकर इज्जतनगर पुलिस से जांच शुरू कराई गई।
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो एक महिला की बच्चे को फेंकते हुए फुटेज सामने आई। पहचान के बाद उसे पकड़ लिया गया। बुधवार को इस मामले पर सीडब्ल्यूसी में सुनवाई शुरू हुई। साथ ही गंभीर हालत के कारण बच्चे को निजी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। सुनवाई के दौरान महिला ने बताया कि उसकी चार बेटियां हैं। तीन की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी 16 साल की है। कुछ समय पहले वह भोजीपुरा क्षेत्र में रहने वाली अपनी बड़ी बहन के घर गई थी। वहां उसके अपनी बड़ी बहन के देवर से प्रेम संबंध हो गए।
तीन-चार दिन वहां रहने के दौरान वह गर्भवती हो गई। बेटी की तबीयत बिगड़ने पर उन लोगों को मामले की जानकारी हुई। मगर महिला ने अपने पति को इस बारे में नहीं बताया, लेकिन उसकी यह दलील सीडब्ल्यूसी ने नहीं मानी। महिला ने कहा कि 11 जून को बेटी को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो उसने घर में ही प्रसव कराया और बच्चे को बोरे में बंद कर फेंक दिया। महिला ने कहा कि उसने लोक-लाज के भय से ऐसा किया था।
सिर्फ मां-बाप को मिलेगा बच्चा
महिला ने खुद को बच्चे की नानी बताकर उसे सौंपने की मांग की लेकिन सीडब्ल्यूसी ने उसे मां-बाप को ही सौंपने की बात कही। कार्रवाई की नौबत आई तो महिला ने बताया कि बच्चे के साथ बेटी के प्रेमी ने निकाह करने से मना कर दिया था। इस वजह से बच्चा फेंककर उसने दोनों का निकाह करा दिया। साथ ही उन दोनों को बच्चे की सुपुर्दगी की बात कही लेकिन बेटी के नाबालिग होने की जानकारी मिलते ही सीडब्ल्यूसी से उसकी आयु के दस्तावेज तलब कर लिए हैं।