उत्तर-प्रदेश: दो साल बाद होने जा रहा आयोजन, गणेश पूजन के साथ हुआ रामनगर की विश्व प्रसिद्ध रामलीला का श्रीगणेश
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वाराणसी के रामनगर की विश्व प्रसिद्ध श्रीरामलीला का औपचारिक श्रीगणेश शनिवार को प्रथम गणेश पूजन के साथ हो गया। इसी के साथ मुख्य पांच स्वरूपों का लगभग पौने दो महीने चलने वाला प्रशिक्षण भी शुरू हो गया। श्रावण मास की प्रथम चतुर्थी पर शनिवार को चौक स्थित रामलीला पक्की पर प्रथम गणेश पूजन का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम विघ्नहर्ता गणेश जी और हनुमान जी के मुखौटे की पूजा अर्चना की गई। इसके अलावा रामलीला के संवाद पोथी की पूजा की गई। रामलीला में काम आने वाले औजारों ब्रश आदि की भी पूजा की गई। जजमान के रूप में पूजा पर बैठे रामलीला ट्रस्ट के मंत्री डॉ. जय प्रकाश पाठक ने रामलीला के निर्विघ्न समापन का संकल्प लिया।
मुख्य स्वरूपों ने सांकेतिक रूप से रामलीला के संवादों का उच्चारण किया। इसके बाद मुख्य स्वरूपों को टीका लगाने के बाद माला पहना कर दक्षिणा प्रदान की गई। रामनारायण पांडेय, योगेंद्र चंद्र पाठक, शांत नारायण पांडेय, हृदय नारायण पांडेय के दल ने पूजा संपन्न कराई।
दो साल बाद इस बार रामलीला होने जा रही है। प्रथम गणेश पूजन को लेकर शनिवार को रामलीला प्रेमियों में उत्साह का माहौल था। रामलीला व्यास रघुनाथ दत्त, पंडित संपत राम भी मौके पर उपस्थित थे। आरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ प्रथम गणेश पूजन का समापन हुआ।
प्रथम गणेश पूजन के साथ ही रामलीला में श्रीराम, जानकी, भरत, लक्ष्मण, और शत्रुघ्न की भूमिका निभाने वाले बालकों का प्रशिक्षण शुरू हो गया। आज से ये बालक रामलीला की समाप्ति तक रामलीला व्यास के सानिध्य में रह कर संवाद कंठस्थ करने के साथ भाव संप्रेषण की शिक्षा ग्रहण करेंगे। इस दौरान वे अपने घर नहीं जाएंगे बल्कि बलुआ घाट धर्मशाला में ही प्रवास करेंगे।