उत्तर-प्रदेश: 15 को खुलेगा टेंडर, वाराणसी में रोपवे के लिए यूपी सरकार, एनएचएलएमएल और वीडीए के बीच हुआ एमओयू

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Update: 2022-07-14 14:17 GMT
बदलते बनारस की सबसे महत्वाकांक्षी रोपवे परियोजना जल्द ही धरातल पर उतरने वाली है। इसके लिए गुरुवार को उत्तर प्रदेश सरकार, एनएचएलएमएल और वीडीए के बीच एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हो गया। तीनों के बीच रोपवे परियोजना का विकास, कार्यान्वयन, निर्माण, संचालन और रखरखाव को प्रभावी रूप से करने के लिए आपसी सहमति बनी है।
एनएचएआई के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एनएचएलएमएल (नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी लि) को वाराणसी में रोपवे परियोजना के क्रियान्वयन करने के लिए नामित किया गया है। एनएचएलएमएल ने परियोजना के एलाइनमेंट का विस्तृत अध्ययन कर पुनः फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर 14 मई को हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर निविदा आमंत्रित की गई थी, जो 15 जुलाई को खोली जाएगी।
15 जुलाई के बाद शुरू हो सकता है काम
निविदा की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही इस परियोजना का भूमिपूजन कराया जाएगा और इसी के साथ निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। परियोजना में एलाइनमेंट की कुल लंबाई 3.750 किलोमीटर निर्धारित की गई है। परियोजना में पांच स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें पहला स्टेशन कैंट , उसके बाद विद्यापीठ स्टेशन, रथयात्रा स्टेशन, गिरजाघर क्रासिंग और अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौक पर प्रस्तावित किया गया है।
यहां बता दें कि कैंट से गोदौलिया के बीच रोपवे परियोजना के लिए पहली बार निविदा दिसंबर 2021 में निकाली गई थी, मगर विकासकर्ताओं ने रुचि नहीं दिखाई थी। इसके बाद इस परियोजना का पूरा काम नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. से कराने पर सहमति बनी।
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