उत्तर-प्रदेश: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का तंज, बोले- सूखे की चपेट में राज्य, टोटके कर रही सरकार
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सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार का जनता के साथ रूखा व्यवहार करने के चलते ही राज्य सूखे की चपेट में आ गया है। किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। बारिश न होने से खरीफ की बोआई रुकी हुई है। सरकार अमृत महोत्सव जैसे टोटके कर रही है जिसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।
अखिलेश ने कहा कि पूरे प्रदेश में स्थिति काफी चिंताजनक है। समय से बरसात नहीं होने से धान की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। बहुत जगह तो खरीफ की बोआई ही रुक गई है। इस साल खरीफ की बोआई छह लाख हेक्टेयर कम होने जा रही है। राज्य सरकार ने 60 लाख हेक्टेयर धान रोपाई का लक्ष्य रखा जबकि 27 लाख हेक्टेयर धान की ही रोपाई अब तक बमुश्किल हुई है। प्रदेश में बिजली भी उपलब्ध नहीं है। गांवों में तो 10 घंटे भी बिजली की उपलब्धता नहीं है। सिंचाई के लिए न बिजली है न पानी। पशुओं को न पीने का पानी और न ही चारा-भूसा मिल पा रहा है। भाजपा सरकार अलर्ट जारी कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मौसम की पूरी जानकारी किए बगैर 30 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य घोषित कर दिया। गांव-गांव तालाबों की खुदाई के तथाकथित निर्देश हैं। अमृत महोत्सव के नाम पर हो रहे इन टोटकों का कोई असर नहीं दिख रहा है। जब बरसात नहीं तो सूखा पड़ना स्वाभाविक है। अब न पौधे बच रहे हैं न तालाबों में पानी भरा है। बुंदेलखंड की तो इस राज में बहुत उपेक्षा हुई है। सपा सरकार में बुंदेलखंड के चरखारी में सात सरोवरों का सौंदर्यीकरण हुआ था। दरअसल भाजपा सरकार का इस ओर ध्यान नहीं। वह बस नफरत की राजनीति के सहारे सत्ता से चिपके रहना ही जानती है। जनता निश्चित ही एक दिन उनकी जवाबदेही तय करेगी।
पांच हजार की अंतरिम राहत दे सरकार : दुबे
रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने बयान जारी किया है कि प्रदेश के कई इलाकों में सूखे के कारण 50 प्रतिशत किसान भी धान की रोपाई किसान नहीं कर पाए हैं। प्रदेश सरकार किसानों की स्थितियों पर कोई भी ध्यान नहीं दे रही है। प्रदेश के किसानों को 5 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार को तत्काल अंतरिम राहत देनी चाहिए। साथ ही फसलों में हुए नुकसान का सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा देने की भी घोषणा करें।