उत्तर प्रदेश : नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम नामक साफ्टवेयर किया तैयार
अपराधी अपनी असली पहचान नहीं छिपा पाएगा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : 'नफीस' के सामने आने के बाद अपराधी अपनी असली पहचान नहीं छिपा पाएगा। 'नफीस' उसकी पूरी कुंडली खोलकर रख देगा। 'नफीस' के जरिये पुलिस को यह तय करने में भी देरी नहीं लगेगी कि जिसे पकड़ा गया है वह किस स्तर का अपराधी है और वह कितना सच या झूठ बोल रहा है।दरअसल, कई ऐसे अपराधी हैं जो अपने शहर में तो शरीफ होते हैं लेकिन अन्य शहरों में क्राइम करते हैं। कई बार तो वह अपना नाम और पहचान भी गलत बताकर जेल चले जाते हैं जब छूटते हैं तो घर आते हैं और फिर उनके बारे में कोई जानकारी नहीं हो पाती है। यहीं नहीं कुछ अपनी पहचान छिपाकर विदेश तक भाग जाते हैं।
नए सॉफ्टवेयर नफीस में पकड़े गए अपराधी और सजा पाने वाले अपराधियों के फिंगर प्रिंट स्कैन कर उनका आपराधिक डाटा सबमिट किया जा रहा है। इसमें दो स्कैनर है। पहला माफोटॉप लाइव प्रिंटर और दूसरा फ्लैट बैट प्रिंटर है। अपराधी अगर पकड़े जाने पर अपनी पहचान छुपा रहा है और पुलिस उसकी पहचान नहीं कर पा रही है तो इस सिस्टम पर उसके फिंगरप्रिंट स्कैन कर उसकी पूरी जानकारी ली जा सकती है।
source-hindustan