उत्तर-प्रदेश: बुलडोजर बाबा के एक्शन पर यूपी में राजनीति तेज, अखिलेश बोले- शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को दी जा रही सजा
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लखनऊ। जुमे की नमाज के बाद शुक्रवार को प्रयागराज के पुराने इलाके अटाला में आगजनी और पथराव की घटना के मास्टर माइंड जावेद अहमद उर्फ पंप के करेली स्थिति घर पूरी तरह ढहा दिया गया है। पुलिस और प्रसाशन की इस कार्रवाई के बाद राजनीति भी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के रष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने वाले के खिलाफ बिना जांच के बुलडोजर से सजा दी जा रही है।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने हिंसक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि 'ये कहां का इंसाफ है कि जिसकी वजह से देश में हालात बिगड़े और दुनिया भर में सख्त प्रतिक्रिया हुई वो सुरक्षा के घेरे में हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना वैधानिक जांच पड़ताल बुलडोजर से सजा दी जा कही है। इसकी अनुमति न हमारी संस्कृति देती है, न धर्म, न विधान, न संविधान।'
पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा के बयान के बाद देशभर में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। कई स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुई हैं। यूपी के भी कई जिलों में पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। अब यूपी सरकार इन प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई कर रही है। पुलिस की कार्रवाई पर विपक्ष के नेता अब सवाल खड़े कर रहे हैं। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने पुलिस का कार्रवाई का एक वीडियो शेयर करते हुए प्रदेश सरकार और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया है।
अखिलेश यादव ने जो वीडियो शेयर किया है उसमे देखा जा सकता है कि पुलिसकर्मी थाने के भीतर लोगों को लाठी से पिटाई कर रहा है। वीडियो को शेयर करते हुए अखिलेश यादव ने लिखा 'उठने चाहिए ऐसी हवालात पर सवालात, नहीं तो इंसाफ खो देगा अपना इकबाल।' उन्होंने आगे लिखा, 'यूपी हिरासत में मौतों के मामले में नंबर- 1, यूपी मानवाधिकार हनन में अव्वल, यूपी दलित उत्पीड़न में सबसे आगे। इससे पहले एक ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा था, वक्त रहते हुए ही उठाए कदम, भर देते हैं गहरे से गहरे जख्म।