उत्तर-प्रदेश: साफ्टवेयर का बहाना, किसानों से लेता रहा बिल लिया मनमाना
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बड़ौत। नलकूप कनेक्शन साढ़े सात हॉर्र्स पावर का, बिल बनाया जा रहा आठ का, यही स्थिति 12.5 हॉर्स पावर के कनेक्शन की भी है, उसका भी 13 हॉर्स पावर का बिल वसूला जा रहा है। एक दो-नहीं बल्कि पिछले करीब 14 सालों से ऐसा हो रहा है। अब तक बड़ौत और बिनौली ब्लाक के ही 14500 किसानों से 28 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि विद्युत निगम वसूल चुका है। पूरे जिले की धनराशि तो और भी अधिक बैठती है।
इसके पीछे बिल बनाने वाले साफ्टवेयर का बनाया जा रहा है। विद्युत निगम के कंप्यूटर सिस्टम में न तो साढ़े बारह हॉर्स पावर का प्रावधान है और न ही साढ़े सात हॉर्र्स पावर का। इनकी जगह 13 और आठ हॉर्स पावर का बिल बना देता है। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बिजनौर और अमरोहा आदि 14 जिले आते हैं। वहां का आंकड़ा भी लिया जाए तो काफी अधिक धनराशि हो जाती हैं। वर्ष 2008 से साफ्टवेयर इसी तरह से बिल बना रहा है। संवाद
हर उपभोक्ता से लिए प्रतिमाह लिए जा रहे 85 रुपये अधिक
एक हॉर्स पावर की कीमत इस समय 170 रुपये हैं। नियमानुसार यदि कोई नलकूप उपभोक्ता 12.5 हॉर्स पावर के हिसाब से बिल जमा करता है, तो उससे लगभग 2125 रुपये देने चाहिए, लेकिन उससे लगभग 2210 रुपये लिए जाते हैं। यानी एक उपभोक्ता से लगभग 85 रुपये अधिक।
छूूट का भी नहीं मिल रहा फायदा
मुख्यमंत्री ने भले ही निजी नलकूपों के बिजली बिलों पर गत जनवरी से 50 फीसदी की छूट कर दी हो, लेकिन अभी भी इन किसानों को इसका फायदा नहीं पहुंच रहा है।
किसानों का हो रहा शोषण
वर्ष 2008 में विद्युत निगम के अफसरों ने मनमानी कर विद्युत दरें साढ़े 12 हार्स पावर कर दी थीं, जबकि सूबे के अन्य जनपदों में पांच से सात हॉर्र्स पावर के ही कनेक्शन चल रहे हैं। - विक्रम आर्य, किसान नेता
नहीं हुई सुनवाई तो होगा आंदोलन
यदि विद्युत निगम ने इस मनमानी को जल्दी बंद नहीं किया तो क्षेत्र का किसान आंदोलन शुरू कर देगा। - राजेंद्र चौधरी, भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व जिला पंचायत सदस्य
कंप्यूटर सिस्टम में साढ़े बारह हार्स पावर का नहीं है प्रावधान
अधीक्षण अभियंता रणविजय सिंह और अधिशासी अभियंता प्रथम गोपाल के अनुसार विद्युत निगम के कंप्यूटर सिस्टम में साढ़े बारह हॉर्स पावर और साढ़े सात हॉर्र्स पावर का प्रावधान नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों को आधा हार्सपावर अधिक बिल देना पड़ रहा है।