उत्तर-प्रदेश: मुख्तार बाबा को क्लीन चिट देने में फंस सकते हैं अफसर, जाने क्या है पूरा मामला

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Update: 2022-06-27 15:37 GMT
कानपुर में नई सड़क पर हुए बवाल में फंडिंग से लेकर मंदिर की जमीन कब्जाने के आरोप में फंसे बाबा बिरयानी के मालिक हाजी मुख्तार अहमद बाबा को क्लीन चिट देने वाले प्रशासनिक अफसरों पर भी पुलिस की कार्रवाई की गाज गिर सकती है। कारण, मुख्तार बाबा के खिलाफ पुलिस ने जिस राम जानकी मंदिर को तोड़ने और दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर कब्जा करने के आरोप में बजरिया थाने में दो एफआईआर दर्ज की है।
उसी मंदिर को कब्जाने के मामले में प्रशासन के पास दो बार शिकायत आई थी। इस मामले में पहले 2019 में एसीएम 3 ने जांच कर क्लीनचिट दी, फिर 2020 में एसीएम 7, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और तहसीलदार न्यायिक सदर की संयुक्त कमेटी ने भी अपनी जांच में क्लीन चिट दे दी थी। दोनों जांच कमेटियों ने यह माना था कि बाबा ने यह परिसर आबिद रहमान से खरीदा था, जो मकान नंबर 88/22 नाला रोड पर रहता था।
शत्रु संपत्ति के अभिरक्षक कार्यालय के दस्तावेजों में आबिद रहमान पाकिस्तानी नागरिक है। वहीं, पुलिस ने प्रशासनिक जांच में बाबा के समर्थन में बयान देने वाले ज्यादातर लोगों पर ही मंदिर कब्जाने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। ऐसे में यह तय है कि पुलिस क्लीन चिट देने वाले अधिकारियों की जांच रिपोर्ट और उनकी भूमिका की जांच भी जरूर करेगी।
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