उत्तर प्रदेश : फर्जी डिग्री से सरकारी स्कूलों में नौकरी, पढ़े पूरी खबर

Update: 2022-07-01 04:29 GMT

जनता से रिश्ता : प्रदेश पुलिस के विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की फर्जी डिग्रियों के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। बुधवार को उसने विश्वविद्यालय में वर्ष 2004 से 2014 के बीच महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहे 18 अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। इनमें विश्वविद्यालय के वे प्रोफेसर भी शामिल हैं, जो इस अवधि में कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक जैसे पदों का प्रभार संभालते रहे हैं। इनमें से कुछ सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं।

जांच रिपोर्ट पर शासन की मंजूरी के बाद एसआईटी ने यह मुकदमा दर्ज किया है। जांच में खुलासा हुआ कि विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों के सहारे प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्राथमिक विद्यालयों में 1100 से ज्यादा लोगों ने सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली है।
एसआईटी ने वर्ष 2004 से 2014 के बीच प्राथमिक विद्यालयों में चयनित उन सभी शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन कराया, जिन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से उपाधि हासिल की थी।एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि अंकपत्र और डिग्रियां तैयार करने तथा उसे जारी करने की विश्वविद्यालय की पूरी प्रक्रिया ही दोषपूर्ण रही। जांच में विश्वविद्यालय में कुलसचिव, उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक जैसे अहम पद पर तैनात रहे कुछ अफसरों के अलावा परीक्षा के गोपनीय विभाग में कार्यरत रहे कर्मचारियों को भी दोषी पाया गया है।
source-hindustan


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