उत्तर प्रदेश आज वह देश में दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Update: 2022-11-21 08:44 GMT

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लोकभवन के सभागार में मिशन रोजगार के तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा नव चयनित 1354 स्टाफ नर्सों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। स्टाफ नर्सों में 90 प्रतिशत महिलाएं हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों पर कहा कि वर्ष 2017 से पहले जो प्रदेश देश के अंदर एक बीमारू राज्य माना जाता था यानी यहां मनुष्य ही नहीं बल्कि पूरा प्रदेश ही बीमार था।आज वह प्रदेश देश की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आप को स्थापित करने की ओर तेजी के साथ अग्रसर हुआ है। यह टीम भाव से ही संभव हुआ है। आज 25 करोड़ की आबादी वाला प्रदेश एक साथ बोलता है, निर्णय लेता और एक साथ चलता है। उसके परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। इस दौरान डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य परिवार कल्याण तथा मातृ एवं शिशु कल्याण राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह और प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा आदि उपस्थित रहे।

प्रदेश में रोजगार की अपारसंभावनाएं पर पहले की सरकारों ने प्रयास नहीं किए: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नव चयनित स्टाफ नर्सों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की प्रेरणा से प्रदेश में शासन की शासकीय सेवाओं में पारदर्शी और निष्पक्ष चयन प्रक्रिया के माध्यम से पांच लाख से अधिक युवाओं को शासकीय सेवा में विभिन्न पदों पर नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। इसके जरिए उन्हे जो सम्मान प्राप्त हुआ है इससे उनकी ऊर्जा और प्रतिभा का लाभ प्रदेश की जनता को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में नौकरी और रोजगार की संभावनाएं कभी कम नहीं हो सकती क्योंकि प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। दुनिया की सबसे अच्छी उर्वरा भूमि और जल संसाधन हमारे पास हैं। यही नहीं सबसे अच्छे सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम से जुड़े हुए उद्योग प्रदेश में हैं तो फिर नौजवान पलायन क्यों करेगा। हमारे पास पहले से वो पोटेंशियल थी, लेकिन उसे सामने लाने के साथ समय के अनुरूप ढालने, तकनीक से जोड़ने का ईमानदारी पूर्वक प्रयास नहीं हो पाया था। ऐसे में प्रदेश सरकार ने विगत साढ़े पांच वर्षों में विभिन्न कदम उठाए, जिसके परिणाम आपके सामने हैं।

एक करोड़ 61 लाख से अधिक रोजगार का सृजन किया गया: सीएम योगी ने कहा कि कोरोना काल खंड के दौरान लॉकडाउन लगते ही दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब समेत तमाम जगहों पर प्रदेश के कामगार और श्रमिक के साथ भेदभाव होने लगा। इस पर उन्होंने अपने घरों की ओर रूख किया। ऐसे में भारत सरकार ने चिंता जाहिर की कि इतने बड़े पैमाने पर ये लोग उत्तर प्रदेश जाएंगे, वहां कैसे रहेंगे। हमने कहा कि हम सबको लेंगे और इनके लिए सारी व्यवस्था करेंगे। इस दौरान इनकी स्किल मैपिंग कराई गई। एसएमई के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और विश्वकर्मा सम्मान योजना के तहत चालीस लाख लोगों को कहीं न कहीं रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा गया। वहीं केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से एक करोड़ 61 लाख से अधिक रोजगार का सृजन विभिन्न सेक्टर में किया गया तो 60 लाख से अधिक स्वरोजगार भी उपलब्ध कराए गए। मिशन रोजगार के तहत शासकीय सेवाओं में जो अभियान चल रहा है इतनी नौकरियां कभी नहीं निकलीं।

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