उत्तर-प्रदेश: गुड्डू जमाली बोले- मुझे सामने देख डिंपल को नहीं बनाया प्रत्याशी, कहा- मुसलमान सपा की जागीर नहीं
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आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में मिली हार के बाद सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने बसपा, भाजपा और प्रशासन के गठजोड़ को कारण बताया था। उनके बयान पर बसपा प्रत्याशी शाह आलम गुड्डू जमाली ने मंगलवार को प्रेसवार्ता कर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जमाली के खड़े होने से अखिलेश यादव ने पत्नी डिंपल को प्रत्याशी नहीं बनाया।
उन्होंने कहा कि हम तो यहीं के रहने वाले हैं यही पैदा हुए और यहीं कब्र में दफन होंगे। मुसलमानों को यह लोग अपनी जागीर समझते हैं, पर मुसलमानों ने इस बार इनको इनकी हैसियत बता दी है। देश की राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बहुजन समाज पार्टी को यह लोग भाजपा की बी टीम बताते हैं, इनको शर्म नहीं आती।
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से कुछ दूरी के चलते वह अपने घर पर बैठे थे सपा द्वारा उनको लखनऊ बुलाया गया और उनकी पगड़ी को जूते तले रौंदा गया। जिसको आजमगढ़ का मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर पाया। सपा में जो मुसलमान नेता है वह अपनी गैरत बेचकर रहते हैं।
मैं गैरत बेचकर नहीं रह सकता मरना पसंद है। वह (सपा) अपने बूथ को चेक कर लें कितने वोट मिले थे। एक बूथ पर जहां मुस्लिम आबादी है 700 से 800 वोट बसपा को मिले तो सौ से डेढ़ सौ वोट ही सपा को मिले। इससे उनको अपनी हैसियत पता चल गई है।
जमाली ने कहा कि साल 2024 में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे, जीत हासिल कर समाजवादी पार्टी के जो भी प्रत्याशी होंगे उनको वापस लौटाने का काम करेंगे। जो सैफई और इटावा से आकर यहां आजमगढ़ में अपनी जागीर बनाए हैं उनको सबक सिखाना जरूरी है।
सपा नेताओं द्वारा बार-बार मुसलमानों को भ्रमित होने के बयान पर उन्होंने कहा कि मुसलमान उनकी जागीर नहीं है कि हमेशा उन्हीं को वोट करेगा। आखिर यादव मतदाता ने बसपा को क्यों नहीं वोट किया। सपा नेताओं द्वारा लगाए जा रहे आरोपों पर उन्होंने कहा कि अगर जीत जाते तो कुछ नहीं बोलते।
हार गए तो ईवीएम ने हरा दिया, जमाली ने हरा दिया। जिस तरीके से उन्होंने पगड़ी को रौंदा, एक जमाली नहीं सौ जमाली यहां पैदा होंगे। अखिलेश को मालूम था कि धर्मेंद्र चुनाव हारेंगे क्योंकि सामने गुड्डू जमाली प्रत्याशी हैं। नहीं तो वह पहले डिंपल को लड़ाना चाहते थे लेकिन बाद में धर्मेंद्र को लड़ने भेज दिया।