उत्तर-प्रदेश: परिवार के छह लोगों की हत्या के दोषी को फांसी की सजा रद्द

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Update: 2022-07-13 08:55 GMT
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने भाई सहित परिवार के छह लोगों की नृशंस हत्या के दोषी को सुनाई गई फांसी की सजा रद्द कर दी है और कहा है कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपराध साबित करने में विफल रहा है। परिस्थितिजन्य साक्ष्य हत्या का दोषी करार देने के लिए पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने जेल में बंद आरोपी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है और फांसी की सजा की पुष्टि के लिए दाखिल रिफरेंस खारिज कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने इटावा के राम प्रताप उर्फ टिल्लू की जेल अपील को स्वीकार करते हुए दिया है। मामले में सत्र अदालत ने मौत व पांच लाख जुर्माने की सजा सुनाई थी। शिकायतकर्ता हेम सिंह की बहन विमला देवी की शादी सुरेश चंद्र यादव के साथ हुई थी। आरोपी सुरेश चंद्र यादव का भाई है, जो अपराधी किस्म का व्यक्ति है। वह अपने भाई से अलग रहता है।
उसने अपनी सारी संपत्ति बेच डाली और अपने भाई भाभी पर संपत्ति व पैसे देने के लिए दबाव डालने लगा। दोनों ने उसे समझाने का प्रयास किया किंतु वह पैसे मांगता रहा। इसी बीच पारिवारिक सदस्य अविनाश की शादी तय हो गई। इससे वह नाराज हो गया और परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी।
एफआईआर इकदिल थाने में दर्ज कराई गई है। घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं है। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर सत्र अदालत ने हत्या का दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा अपराध संदेह से परे साबित किया जाना चाहिए था।
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