Uttar Pradesh: सहारनपुर में एक सर्राफा कारोबारी, सौरभ, और उनकी पत्नी ने गंगा नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना का मुख्य कारण उन पर बढ़ता हुआ कर्ज था। सौरभ पर करीब 10 करोड़ रुपये का कर्ज था, जिससे उबरने का उन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा था।सूत्रों के अनुसार, सौरभ बब्बर हरिद्वार के किशनपुरा इलाके में श्री साई ज्वेलर्स की दुकान चलाते थे। वह व्यापरियों के साथ मिलकर एक कमेटी भी चलाते थे। जिसमें करोड़ों रुपये का लेन-देन होता था। सौरभ इन पैसों से सोना खरीदकर व्यापारियों को देते थे, जिससे उन्हें लगातार नुकसान हो रहा था। समय के साथ वह भारी कर्ज में डूब गए, और ब्याज की अदायगी करते-करते थक गए थे।
रविवार रात को सौरभ अपनी पत्नी मोना के साथ हरिद्वार गए थे। सोमवार को उनका शव हर की पौड़ी पर मिला, जबकि मोना का अब तक कोई सुराग नहीं लगा है। गोताखोरों की टीम मोना की तलाश कर रही है। परिवार के मुताबिक, सौरभ और मोना ने अपने दोनों बच्चों को मरने से पहले नाना-नानी के घर छोड़ दिया था, जिसका उल्लेख उन्होंने अपने सुसाइड नोट में भी किया है।
सौरभ ने आत्महत्या से पहले व्हाट्सएप पर एक सुसाइड नोट अपने रिश्तेदारों को भेजा। नोट में उन्होंने लिखा, "मैं सौरभ बब्बर कर्ज के दलदल में इस कदर फंस गया हूं कि अब बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा है। अंत में, मैं और मेरी पत्नी मोना बब्बर अपना जीवन समाप्त कर रहे हैं। हमारी प्रॉपर्टी, दुकान और किशनपुरा वाला मकान हमारे दोनों बच्चों के लिए है। हमने अपने बच्चों को नाना-नानी के हवाले कर दिया है। हमें किसी और पर भरोसा नहीं है। हमने लेनदारों को अत्यधिक ब्याज दिया है और अब और भुगतान नहीं कर सकते। अलविदा दुनिया। सौरभ और मोना बब्बर के इस कदम से पूरा क्षेत्र स्तब्ध है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।