उत्तर-प्रदेश: मुख्यमंत्री योगी बोले- जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है पर जनसंख्या असंतुलन न हो

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Update: 2022-07-11 13:29 GMT
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर लखनऊ में 'जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा' का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि देश में जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है पर जनसंख्या असंतुलन न होने पाए। कहीं ऐसा न हो कि एक वर्ग की आबादी बढ़ने की रफ्तार ज्यादा हो और जो मूल निवासी हैं उस पर जनसंख्या स्थिरीकरण की कोशिशों से, इंफोर्समेंट से, जागरुकता से आबादी को नियंत्रित कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास कौशलयुक्त मानव संसाधन है तो यह हमारे एक वरदान है पर कौशलविहीन मानव संसाधन एक चुनौती बन जाता है। जनसंख्या स्थिरीकरण के बारे में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम विगत पांच दशकों से चल रहे हैं। इसके अच्छे परिणाम मिले हैं।
उन्होंने कहा कि एक निश्चित जनसंख्या वृद्धि दर का होना उपलब्धि है। विशाल जनसंख्या एक संसाधन भी है। लेकिन यह उपलब्धि तभी है, जब लोग स्वस्थ हों, आरोग्य हों। जहां चिकित्सकीय संसाधनों का अभाव हो, बीमारियां हों, वहां जनसंख्या की अबाध बढ़ोतरी बड़ी चुनौती है। विश्व जनसंख्या दिवस इसी चुनौती का अनुभव कराता है। मानव को 100 करोड़ तक होने में लाखों वर्ष लगे लेकिन 100 से 500 करोड़ होने में 183-185 वर्ष ही लगे। इस वर्ष के अंत तक विश्व की आबादी 800 करोड़ होने की संभावना है। आज का भारत 135-140 करोड़ जनसंख्या का देश है। उत्तर प्रदेश सबसे अधिक आबादी का राज्य है। यहां अभी 24 करोड़ की आबादी है, जो कि कुछ ही समय में 25 करोड़ की संख्या को पार कर जाएगी। यह स्पीड एक चुनौती है। हमें इसके नियंत्रण और स्थिरीकरण के लिए प्रयास करना होगा।
जनसंख्या स्थिरीकरण में जागरूकता का सबसे अधिक महत्व है। यह जागरुकता केवल स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी ही नहीं है। नगर विकास, ग्राम्य विकास, शिक्षा आदि विभागों को भी इससे जुड़ना होगा। हमने मस्तिष्क ज्वर के नियंत्रण में अंतर्विभागीय समन्वय के महत्व को देखा है। आज इस बीमारी से बच्चों की मृत्यु को 95 प्रतिशत तक नियंत्रित किया जा चुका है। इसी प्रकार जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए भी अंतर्विभागीय समन्वय बनाकर काम करना होगा। इस मौके पर उन्होंने लखनऊ में 5 कालिदास मार्ग से विश्व जनसंख्या दिवस पर बाइक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
असंतुलन चिंता का विषय, रिलिजियस डेमोग्राफी पर असर डालता है
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जिन देशों की जनसंख्या ज्यादा है वहां जनसांख्यकीय असंतुलन चिंता का विषय बनता है। क्योंकि रिलिजियस डेमोग्राफी पर विपरीत असर पड़ता है तो एक समय के बाद वहां अव्यवस्था, अराजकता जन्म लेने लगती है। इसलिए जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रयासों से सभी मत मजहब, वर्ग, सम्प्रदाय पर एक समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
जनसंख्या स्थितिकरण के कार्य में आशा बहनें, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, शिक्षक गण, त्रिस्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह सामूहिक प्रयास होना चाहिए। जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए धर्मगुरुओं का भी सहयोग लिया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर बात होती है मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की, मैटरनल एनीमिया को नियंत्रित करने की, तब हमारे सामने एक और चुनौती होती है। एक वर्ग विशेष में मातृ और शिशु मृत्यु दर दोनों ही ज्यादा है। अगर दो बच्चों के जन्म के बीच अन्तराल कम है तो इसका खमियाजा मातृ और शिशु मृत्यु दर पर भी पड़ेगा और इसकी कीमत समाज को भी चुकानी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बीते पांच वर्ष में बेहतरीन परिणाम दिए हैं। मैटरनल एनीमिया में आज यह 51.1 प्रतिशत से घटकर 45.9 प्रतिशत रह गया है। पांच वर्ष में फुल इम्यूनाइजेशन 51.1 प्रतिशत से बढकर लगभग 70 प्रतिशत तक पहुंच गया है। संस्थागत प्रसव की दर जो पहले 67-68 प्रतिशत थी, वह आज 84 प्रतिशत की ओर जा रहा है। मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियन्त्रित करने की कोशिशों के अच्छे परिणाम मिले हैं। अंतर विभागीय समन्वय और जागरूकता की कोशिशों से प्रदेश अपने लक्ष्यों में निश्चित ही सफल होगा।

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