जनता से रिश्ता वेबडेस्क : योग वेलनेस सेंटर आलापुर के प्रशिक्षक डॉ ललित कुमार तिवारी ने कहा है कि भीषण त्रासदी के दौर में योग के माध्यम से हम मानवता की रक्षा कर सकते हैं। इस बात की बानगी है कि महामारी को नियंत्रित करने में औषधियों के साथ-साथ योग की विधाओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रदेश के सभी विभागों के समन्वय से अष्टम अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव मनाने की तैयारी चल रही है।
योग प्रशिक्षक डॉ ललित कुमार तिवारी ने कहा कि योग के आठ अंग क्रमश: यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि है, जिनमें समाधि का तात्पर्य सफलता का चरमोत्कर्ष है जिसे प्राप्त करने के लिए योग के प्रथम दो सोपान जिन्हें हम यम और नियम के नाम से जानते हैं। उनका पूरी नैतिकता के साथ पालन करना अनिवार्य होता है। किन्हीं दो सोपानों में संपूर्ण सृष्टि की कुशलता और सफलता का राज छिपा है। यम का शाब्दिक अर्थ सत्य, अहिंसा, अस्तेय, अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य से है। इन पांच बातों को यदि साधक अंगीकार कर ले तो साधक पहली कसौटी पर खरा हो जाता है। द्वितीय सोपान जिसे हम नियम कहते हैं इसके भी पांच हिस्से हैं जिन्हें तप, संतोष, शौच, स्वाध्याय और ईश्वर परिधान के नाम से जानते हैं।
सोर्स-hindustan