उत्तर-प्रदेश: आमने-सामने हुए भार्गव और शुक्ला, जानिए किन मु्द्दों पर हुई बात, इंदौर को लेकर क्या है दोनों का विजन
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नगर निगम चुनाव की सरगर्मी तेज हो रही है। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी जनता के बीच जाकर अपनी बात रख रहे हैं, जनता की बात सुन रहे हैं। कांग्रेस से महापौर के लिए संजय शुक्ला मैदान में है तो भाजपा ने पुष्यमित्र भार्गव को प्रत्याशी बनाया है। इन दोनों उम्मीदवारों ने जनता से तो खूब बातें की मगर शनिवार को ये दोनों प्रेस क्लब पहुंचे जहां शहर की समस्याओं पर बात हुई, विजन को लेकर सवाल पूछे। दोनों ने अपनी तरह से जवाब दिए।
दरअसल इंदौर प्रेस क्लब में आमने-सामने कार्यक्रम में महापौर पद के दोनों प्रत्याशी बैठे और मीडिया के सवालों के जवाब दिए। संजय शुक्ला ने कहा कि ये चुनाव भाजपा-कांग्रेस का नहीं बल्कि जनता का चुनाव है। मोहल्ले का, परिवार का, महिलाओं का चुनाव है। 20 साल से भाजपा की सत्ता रही मगर जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं पाईं। मेरे साथी पुष्यमित्र वकील है और मैं जनता का वकील हूं। मुझे जनता ने बताया कि क्या करना चाहिए। मैं उनके सुख दुख का साथी हूं। 28 साल से जनता की सेवा कर रहा हूं। भार्गव जी ये बताओ कि आप अब तक कहां थे। आठ दिन पहले इस्तीफा दिया आपने। पार्टी में किसी पद पर नहीं थे आप। आपको टिकट इसलिए दिया क्योंकि आप कोर्ट में सरकार के पक्ष में काम करते थे। आप कैसे शहर का विकास करवाओगे। मेरे साथ चलो गांधीनगर, वहां 1800 परिवार रहते हैं। मकन में ड्रेनेज नहीं है। कचरे का ढेर लगा है। पीली गैंग का आतंक है। आप कहते हो कि मैं लक्ष्मी पुत्र हूं तो हां मैं हूं। भगवान ने मुझे दिया है तो दान करता हूं। जनता के लिए हमेशा करूंगा। इंदौर के किसी जनप्रतिनिधि ने जनता की आवाज नहीं उठाई। एक भी विधायक, पार्षद का नाम बता दो जो कोरोना काल में आगे आया हो। मैंने मेरी जान दांव पर लगाई। मेरे पिता, मेरा बच्चा अस्पताल में भर्ती था लेकिन मैं जनता की सेवा में लगा रहा। कोरे चेक दे दिए कि इसमें भर लेना पैसे। मैंने लाशों की लाइन देखी है। श्मशान में घूमा हूं क्योंकि इंदौर की जनता मेरे लिए भगवान है।
बड़े काम में समय लगता है
पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि आज के दिन 1975 में कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर लिखने, बोलने की आजादी छीन ली थी। जिस कांग्रेस ने इस देश की मौलिक स्वतंत्रता पर रोक लगाई हो, उसी कांग्रेस ने आजादी के बाद से लेकर लगभग 55-60 साल तक शासन किया। मुद्दा बस एक है कि कल आज और कल। कल का भारत जो अविकसित था वैसी ही स्थिति इंदौर की है। कल तक जब कांग्रेस का शासन था, कांग्रेस की नगर पालिका थी तो इच्छा शक्ति की कमी के कारण न सड़कें थीं न लाइट थी न बगीचे थे न ड्रेनेज था लेकिन भाजपा विकास के आधार पर देश को आगे ले जाना चाहती है। सीएम के सपनो का शहर बनाने का काम शुरू हुआ। बड़े काम में समय तो लगता है। कैलाशजी ने प्रथम महापौर के रूप में शहर बनाना शुरू किया। 2021 को लेकर विजन बनाया और काम किया। पब्लिक पार्टनरशिप के साथ सड़कें बनाई। संजयजी के घर के सामने डबल रोड बनाई। बाणगंगा का पुल बनाया। स्ट्रीट लाइट लगाई, बगीचे विकसित किए। संजय जी इंदौर को नर्क कहते हैं तो इंदौर की जनता का अपमान है। ये कहते हैं कि वकील राजनीति में क्यों तो ये वकीलों का अपमान है। क्या वकील या अच्छे लोग राजनीति में नही आ सके। भाजपा मुद्दों पर बात करती है। कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। चारों महापौरों ने अलग-अलग मुद्दों को हाथ में लेकर विकास कार्य किए। कल और आज के इंदौर में बहुत फर्क है। संजय भैया के कामों को मैं प्रणाम करता हूं जो उन्होंने किए हैं मगर हम सेवा का प्रदर्शन नहीं करते। चुपचाप काम करते हैं।
शहर के विजन और बेरोजगारी के बारे में पूछने पर भार्गव ने कहा कि इंदौर शहर देशभर में रोजगार का केंद्र बने ये प्रयास करेंगे। विजन और प्लानिंग के साथ काम करेंगे। ठेले वाले, छोटी दुकान वालों के लिए तय स्थान कर स्वाभिमान के साथ रोजगार करने का अवसर देंगे। जो गड़बड़ करेगा उन्हें ठोंककर ठीक करेंगे। शहर में सड़कें बनाकर खोदने और दोबारा बनाने के सवाल पर शुक्ला बोले कि विजन तो अब बनाना है। अब तक चारों महापौर भाजपा के रहे मगर कुछ नहीं किया। मैं कहता हूं कि अगर गलती है तो अधिकारी को लाइन से बैठाओ। गलती वालों के सस्पेड करो। मैं कहता हूं कि मैं महापौर बनकर नगर निगम में लड़ूंगा और भार्गव जी कोर्ट में मेरा साथ देंगे। इस सवाल पर भार्गव ने कहा कि शहर की सड़क ड्रेनेज लाइन की मॉनिटरिंग कमेटी बनना चाहिए जो एप्रूवल दे तभी काम हो। प्लानिंग को ठीक करेंगे। कांग्रेस भी 15 माह प्रदेश में रही, कुछ तो करती।
1200 करोड़ के बीआरटीएस के सवाल पर, घटते जलस्तर, बढते प्रदूषण और अस्त व्यस्त ट्रैफिक के सवाल पर शुक्ला ने कहा कि इसका जवाब भार्गव जी देंगे क्योंकि ये ही सरकार का पक्ष लेते रहे हैं। मै तो कहता हूं कि आम जनता से सहमति ली जाए। बीआरटीएस होना चाहिए लेकिन एक हो रोड क्यों। समानांतर रोड बननी चाहिए। चौड़ीकरण होना चाहिए। इस सवाल पर भार्गव ने कहा कि बीआरटीएस के शुरुआती और आज के अनुभव में अंतर है। एक समय टैंपो चलता था आज एआईसीटीसीएल की बस चलती है। ये शहर की लाइफ लाइन है। प्रदूषण कम करने के लिए इलेक्ट्रिक बसें शुरू की हैं। बीआरटीएस सिस्टम को और प्रभावी बनाने की जरूरत है, जो सबकी सहभागिता से होगा।
नगर निगम में भ्रष्टाचार के सवाल पर शुक्ला ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल ने भ्रष्टाचार रोक दिया तो विकास हो गया। इंदौर में किसी जनप्रतिनिधि ने आज तक दबाव नहीं बनाया। इंदौर में कमिश्नर ने बुजुर्गों को गाड़ी में भरकर फेंक दिया पर कमिश्नर को नहीं हटाया। मैं महापौर बना तो सबसे पहले भ्रष्टाचार रोकूंगा। क्योंकि भगवान ने इतना दिया है कि जरुरत नहीं मुझे। अधिकारियों को लाइन पर ला दूंगा। मुझे काम कराना आता है। इस सवाल पर भार्गव ने कहा कि भ्रष्टाचार देश की बड़ी समस्या है। ई गवर्नेंस से इसमें सुधार हो रहा है। भ्रष्टाचार मुक्त नगर निगम हो इसके लिए कोशिश रहेगी। अधिकारियों से मोरल और लीगल लेवल पर चीजें समझी जाएगी।
शिक्षा स्वास्थ्य को लेकर शुक्ला ने कहा कि अगर भार्गव जी महापौर बन गए तो ढाई साल तो सीखने में लग जाएंगे। मैं तो सीखा सिखाया हूं। 20 साल से भाजपा का कोई महापौर नही कर पाया वो भार्गव कैसे करेंगे। भार्गव ने कहा कि हमारे विकास के विजन के मूल में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वालंबन है। ये शहर मोहल्ले से मॉल तक पहुंचा है। बस्ती से बिजनेस हब तक पहुंचा है। शिक्षा के लिए छह मॉडल स्कूल बनने चाहिए। शिक्षा उपकर का पूरा उपयोग होना चाहिए। स्वास्थ्य के लिए जरुरी है कि वार्ड स्तर पर मेडिकल सेंटर हो।
शुक्ला से पूछा कि जब सरकार मप्र में भाजपा की है तो आप महापौर बन गए तो काम कैसे करोगे। भार्गव से सवाल पूछा कि आप गुटबाजी की छाया से कैसे मुक्त होंगे। शुक्ला ने कहा कि कैलाश जी जब महापौर थे तब कांग्रेस सरकार थी मगर भार्गव जी ने कहा कि कैलाशजी ने अच्छा काम किया। मैं भी कैलाशजी का बच्चा हूं। उन्होंने सिखाया है काम कैसे करवाते हैं। पैसा कैसे लाते हैं। मैं सीएम तक जाउंगा। मैं किसी से नहीं डरता। मैं करके दिखाउंगा। भार्गव ने कहा कि भाजपा में एक गुट है बस कमल का फूल। यहां सामूहिक भाव से निर्णय होता है तो सब मिलकर लड़ते हैं। कार्यकर्ता लड़ता है। वही मेरी ताकत है। अन्य सवालों के भी दोनों प्रत्याशियों ने जवाब दिए और दावा किया कि वे महापौर बनेंगे तो शहर में विकास करेंगे।