प्रतापगढ़ न्यूज़: राजकीय मेडिकल कॉलेज के ऑपरेशन रूम में दोपहर एक युवक ने दम तोड़ दिया. इसके बाद चिकित्सकों ने मृत युवक को प्रयागराज रेफर कर दिया. एएलएस एंबुलेंस बुलाकर मरीज को उस पर शिफ्ट कर दिया गया, लेकिन तब तक परिजन मरीज की मौत जान चुके थे और लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा करने लगे. बवाल देख अस्पताल चौकी के पुलिसकर्मी भी पहुंच गए और समझाकर परिजनों को शांत कराया. पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
मानधाता इलाके के डाडी निवासी रंजीत (20) पांच दिन पहले ऑटो से शहर आ रहा था. जेठवारा के नौबस्ता के पास अनियंत्रित होकर ऑटो पलट गया और रंजीत घायल हो गया. परिजनों ने उसे घायल दशा में भर्ती कराया. चिकित्सकों ने जांच में उसके बाएं पैर टूटने की पुष्टि की. परिजनों ने आयुष्मान कार्ड दिखाया लेकिन डॉक्टरों ने तत्काल ऑपरेशन नहीं किया. को आर्थो सर्जन डॉ. सचिन ने ऑपरेशन करने के लिए रंजीत को ओटी में शिफ्ट करा दिया. ऑपरेशन के दौरान रंजीत ने दम तोड़ दिया, इससे डॉक्टर हड़बड़ा गए और परिजनों से हकीकत छिपाकर रंजीत को प्रयागराज रेफर कर दिया. यही नहीं आनन-फानन मृतक को एएलएस एंबुलेंस में शिफ्ट कर दिया गया, हालांकि डॉक्टरों का रवैया देख परिजन भांप गए और लापरवाही का आरोप लगाकर बवाल करने लगे. करीब 45 मिनट चले हंगामे के बाद पुलिस के आश्वासन पर परिजन शांत हुए. अस्पताल चौकी पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी पहुंचे
राजकीय मेडिकल कॉलेज में मरीज की ऑपरेशन रूम में मौत और हंगामा की सूचना पर सीएमओ कार्यालय के कर्मचारी भी पहुंच गए.
आयुष्मान कार्ड विभाग के कर्मचारियों ने जांच पड़ताल कर परिजनों को ढांढस बंधाया. कर्मचारियों से मृतक के परिजन ऑर्थो सर्जन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग करते रहे.